बुजुर्ग पिता का मन रखने के लिए बेटे ने की अनोखी शादी, लकड़ी के पुतले को बनाया ''अर्धांगिनी''

punjabkesari.in Wednesday, Jun 17, 2020 - 04:13 PM (IST)

प्रयागराजः 21वीं शताब्दी के युग में हम विकास की दौड़ में इतना आगे निकल गए हैं कि अब श्रवण कुमार जैसे बच्चे तो क्या सामान्य तौर पर भी बच्चों के संबंध माता-पिता के साथ कम ही दिखते हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक बेटे ने अपने बुजुर्ग पिता की इच्छा के लिए लकड़ी के पुतले के साथ विवाह कर मिसाल पेश की है। इस विवाह में सभी रस्मों को निभाया गया वहीं यह विवाह क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।

विवाह में निभाया सभी रस्मों को
बता दें कि घूरपूर थाना क्षेत्र में मनकवार गांव के मजरा भैदपुर निवासी शिवमोहन (90) के 9 बेटे हैं। सभी का विवाह हो चुका है। वहीं सबसे छोटे बेटे 32 वर्षीय पंचराज का विवाह अभी तक नहीं हुआ। वहीं बुजुर्ग पिता की तमन्ना थी कि उनके जीवित रहते शादी हो जाए। पहले तो पंचराज ने इसका विरोध किया इसके बाद पिता की वजह से वह मान गया। लेकिन यह विवाह सामान्य नहीं था। पिता का मन रखने के लिए बेटे ने लकड़ी के पुतले के साथ सभी रस्मों को निभाते हुए शादी किया।

आयोजित किया गया भोज
बता दें कि पुरोहित को इस बारे में बताया गया तो उन्होंने सलाह दी कि लकड़ी के पुतले से शादी हो सकती है। इस तरह पंचराज विवाहित कहलाएगा। पहले पंचराज ने इस फैसले का विरोध किया। लेकिन जब लगा कि इसी खुशी में पिता की अंतिम इच्छा छिपी है तो वह तैयार हो गया। शुभ मुहूर्त निकलवाया गया और मंगलवार को पूरे रस्म-ओ-रिवाज के साथ धूमधाम से पंचराज की पुतले से शादी कर दी गई। इस अवसर पर भोज भी आयोजित किया गया।

वहीं मनकवार गांव के पूर्व प्रधान राजेश कुमार खन्ना, मंगला प्रसाद शादी के साक्षी बने। उन्होंने बताया कि बेटे के पिता की तमन्ना थी कि उसकी शादी भी उनकी आंखों के सामने हो जाए। मगर वधू नहीं मिल रही थी तो पिता का मान रखने के लिए और कुंवारापन दूर करने के लिए वैदिक पुरोहितों से सलाह के बाद पंचराज इस विवाह के लिए तैयार हो गया।  

 

Author

Moulshree Tripathi