मां को साइकिल पर बिठाकर हजारों किमी के सफर पर निकला बेटा, लोगों ने कहा- श्रवण कुमार

punjabkesari.in Saturday, May 02, 2020 - 06:39 PM (IST)

वाराणसीः तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू है। ऐसे में सबसे ज्यादा मुसीबतों का सामना बेबस मजदूरों को करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भी ऐसी ही बेबसी का मामला दिखाई दिया। इस बेबसी में एक बेटे ने बता दिया कि कलियुग में भी 'श्रवण कुमार' पैदा हो सकता है जो अपने मां-बाप को कंधे पर बैठाकर तीर्थ यात्रा पर लेकर निकला था। ये युवक शेर सिंह अपनी मां को साइकिल में पीछे फल की टोकरी पर बैठाकर नेपाल की ओर निकल पड़ा है।

1000 से ज्यादा लंबे सफर पर निकल पड़ा है शेरसिंह
बता दें कि इस यात्रा की शुरूआत पटना से हुई है और मंजिल नेपाल है। शेर सिंह साइकिल में पीछे फल की क्रेट बांधकर 70 साल की मां यशोदा को लेकर 1000 किमी से ज्यादा लंबे सफर पर निकल पड़ा है। सुनसान सड़कों पर घर पहुंचने की जिंदा उम्मीदों के साथ शेर सिंह दिन में लगातार साइकिल चला रहा है और शाम को किसी घर, बस्ती या पेड़ के नीचे समय बिताता है।

शेरसिंह का नेपाल में है घर
बुलंद इरादों वाला शेर सिंह पटना में एक निजी कंपनी में काम करता है लेकिन बिहार से नेपाल की सीमा सील होने के कारण वो बनारस, प्रतापगढ़, गोंडा, बहराइच होते हुए नेपाल जाना चाहता है। जब शेर सिंह वाराणसी के मिर्जामुराद हाइवे के पास पहुंचा तो मदद में लगे कुछ नौजवानों की नजर उस पड़ी। पूछताछ की तो पहले घबराया लेकिन मदद का एहसास होने पर खुल गया। लोगों की माने तो लगातार साइकिल चलाने से जीभ में पपड़िया जम गई हैं,इसलिए ठीक से बोल नहीं पा रहा है।

लोगों ने कहा- कलियुग का श्रवण कुमार
शेर सिंह ने बताया कि मां को लेकर नेपाल जाना है। पत्नी, बच्चे नेपाल में ही है। कुछ दिन सबके साथ रहूंगा और जब लॉकडाउन खत्म होगा तो वापस लौटूंगा। जिसने भी इन मां-बेटे को देखा, उसका कलेजा कांप गया। तपती दोपहरी में मां को इस तरह ले जाते हुए जिसने भी शेर सिंह को देखा, हर कोई कह उठा- ये तो कलियुग में जन्मा कोरोना के चुनौती को मात देता कड़ी धूप को चीरता हुआ सपूत श्रवण कुमार है।

 

 

 


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Author

Moulshree Tripathi

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