मोदी सरकार ने आम लोगों के विकास का नहीं किया ख्याल: गठबंधन

punjabkesari.in Wednesday, May 15, 2019 - 11:05 AM (IST)

बलियाः बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के गठबंधन प्रत्याशियों के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी के शासन में गरीबी बढ़ी और उनके साथ अन्याय भी हो रहा है। मोदी सरकार ने आम लोगों के विकास का ख्याल नहीं किया है बल्कि इनकी नीतियों से धन्नासेठों को फायदा हुआ है।

नफरत फैलाने का प्रयास कर रही बीजेपी: मायावती
मायावती ने कहा कि आरक्षण को अब भी प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया गया है बल्कि इसे खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बीजेपी पर संविधान के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश के तानेबाने को ध्वस्त करने का प्रयास किया जा रहा है। पिछले 5 साल के दौरान मोदी सरकार ने किसी भी काम को योजनाबद्ध तरीके से नहीं किया है। नोटबंदी एवं जीएसटी को लागू किया गया, जिसके कारण लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। बसपा नेता ने सांप्रदायिकता की चर्चा करते हुए कहा कि बीजेपी नफरत फैलाने का प्रयास कर रही है और लोगों में दरार पैदा कर राजनीतिक लाभ लेना चाहती है। आम लोग बीजेपी की इस राजनीति को समझ गए हैं और 6 चरणों के चुनाव में उन्होंने बुद्धिमानी का परिचय दिया है।

अच्छे दिन का वादा साबित हुआ खोखला: अखिलेश
वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी ने पिछले चुनाव में अच्छे दिन का वादा किया था, लेकिन यह खोखला साबित हुआ। मतदाताओं के अब तक के रुझान से बीजेपी घबराई हुई है। पहले प्रधानमंत्री जो वादा करते थे उसे पूरा किया जाता था, लेकिन मोदी सरकार में इसका अर्थ बदल गया है और अब वादे के विपरीत काम किया जा रहा है। अच्छे दिन किसके आए हैं असकी जानकारी किसानों और नौजवानों को भी है। किसानों को उनकी फसलों का डेढ़ गुना मूल्य देने का वादा किया गया था, लेकिन इसका क्या हुआ सबको पता है। बीजेपी ने करोड़ों नौजवानों को रोजगार देने का वादा किया था और बाद में जब उसे पूरा करने का अवसर आया तो लोगों से पकौड़े बनाने को कहा गया।

मोदी सरकार के दौरान रुका विकास कार्य: अजित सिंह
सभा को राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) अध्यक्ष अजित सिंह ने भी सम्बोधित किया और कहा कि मोदी सरकार के दौरान न केवल विकास कार्य रुका है बल्कि बेरोजगारी की समस्या भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसलों का वाजिब मूल्य नहीं मिल रहा है और कर्ज का बोझ उन पर बढ़ता जा रहा है।

Deepika Rajput