UP: विद्यालयों की मान्यता शर्तों में ''संशोधन'' के मुद्दे पर सदन के बीच बैठे सपा सदस्य
punjabkesari.in Monday, Sep 19, 2022 - 08:32 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद में मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों की मान्यता शर्तों में 'संशोधन' के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य सदन के बीचोबीच आकर बैठ गए। सपा सदस्यों ने शून्य प्रहर के दौरान कार्य स्थगन प्रस्ताव के जरिये राज्य के माध्यमिक विद्यालयों के लिए लागू मान्यता संबंधी शर्तों में माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा पिछली 23 अगस्त को किए गए 'संशोधन' का मामला उठाया।
सपा सदस्य आशुतोष सिन्हा ने सूचना पढ़ते हुए कहा इस संशोधन से शिक्षा पूंजीपतियों के हवाले की जा रही है। उन्होंने कहा कि मान्यता शुल्क 50 हजार रुपये कर देना, प्राभूत कोष में दी जाने वाली 15 हजार की रकम को बढ़ाकर उच्च विद्यालय में पांच लाख रुपये और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में दो लाख रुपये कर देना, सुरक्षित कोष 3000 के स्थान पर उच्च विद्यालय (10वीं) में डेढ़ लाख रुपये और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में एक लाख रुपये कर देना पूंजीवाद का स्पष्ट रूप दिखाता है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा मान्यता के लिए जमीन की जरूरत को शहरी क्षेत्र में 650 वर्ग मीटर के स्थान पर 2000 वर्ग मीटर और ग्रामीण क्षेत्र में 2000 वर्ग मीटर के स्थान पर 6000 वर्ग मीटर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि संशोधन में सबसे बड़ी बात यह है कि पुरानी मान्यताओं का तीन साल में नवीनीकरण होगा जिससे स्पष्ट होता है कि मान्यताओं के नवीनीकरण में सभी शर्तों को न तो विद्यालय पूरा कर पाएगा और ना ही नवीनीकरण होगा, जिससे पुराने विद्यालयों की मान्यता खुद ही समाप्त हो जाएगी।
सिन्हा ने कहा कि अत्यंत खेद का विषय यह है कि प्रदेश में 21000 विद्यालयों के होते हुए भी सरकार शासकीय भवनों में उत्तर प्रदेश बोर्ड की परीक्षाएं कराना चाहती है ऐसा करके वह वर्ष 2006 में दिए गए उच्च न्यायालय के आदेश का खुला उल्लंघन कर रही है। सपा सदस्य डॉ. मानसिंह और लाल बिहारी यादव ने सूचना की ग्राह्यता पर बल दिया। इस मामले पर नेता सदन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कर देते हुए कहा कि सपा सदस्यों द्वारा उठाए जा रहे हैं सवाल पूरी तरह निराधार हैं। सरकार की मंशा है कि शिक्षा की गुणवत्ता में बहुद्देशीय सुधार हो।
नेता सदन के उत्तर से असंतुष्ट होकर सपा सदस्य लाल बिहारी यादव, मानसिंह, आशुतोष सिन्हा तथा कुछ अन्य सदस्य सदन के बीचोबीच आकर बैठ गए। सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने उन्हें अपने-अपने स्थान पर जाने को कहा। सभापति ने कहा कि नेता सदन प्रश्न का उत्तर देने को तैयार हैं, लिहाजा वेल में पहुंचे सदस्य अपने अपने स्थान पर चले जाएं जिसके बाद सपा सदस्य उठकर अपनी जगह बैठ गए।
नेता सदन ने स्पष्ट किया कि सपा सदस्य जो सवाल उठा रहे हैं, वह मामला अभी प्रस्तावित है और उस पर आपत्तियां मांगी जा रही हैं। आपत्तियों के आधार पर आगे का निर्णय लेना सरकार का दायित्व है। सरकार शिक्षा और छात्रों के हित में समय-समय पर जरूरी निर्णय लेती है। इस पर सभापति ने कार्य स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए आवश्यक कार्यवाही के लिए सरकार के पास भेज दिया। इससे पहले सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने विधान परिषद के पूर्व सदस्य सतीश चन्द्र, सैयद सिब्ते रजी और राम नरेश रावत के निधन पर शोक व्यक्त किये। उसके बाद सदन ने दिवंगत लोगों की आत्मा की शांति के लिए कुछ क्षण खड़े होकर मौन धारण किया।