सपा का जन्म ही मुस्लिम तुष्टिकरण के DNA के साथ हुआ: ब्रजेश पाठक

punjabkesari.in Monday, May 19, 2025 - 12:26 PM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया अखिलेश यादव पर ताजा हमला बोलते हुए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दावा किया कि सपा का जन्म ही मुस्लिम तुष्टिकरण के डीएनए के साथ हुआ है और अखिलेश यादव की पूरी राजनीति का मूल यही है। उन्होंने‘एक्स' पर एक लंबी पोस्ट में कहा कि सपा के डीएनए में खराबी की बात कहने पर सपा प्रमुख उसी तरह आपे से बाहर हो गए जैसे दस साल पहले वह उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर हो गए थे। उन्होंने कहा, ''डीएनए में खराबी से हमारा मतलब किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि आपकी पार्टी की राजनीतिक सोच से है। 

'आपकी प्राथमिकता हमेशा वोटबैंक की राजनीति रही है'
ब्रजेश पाठक ने कहा, डीएनए में खराबी का मतलब यह है कि आपकी पार्टी की राजनीति की बुनियाद ही जातिवाद और तुष्टीकरण पर टिकी रही है। समाजवादी पार्टी ने कभी सबका साथ-सबका विकास की बात की ही नहीं। आपकी प्राथमिकता हमेशा वोटबैंक की राजनीति रही है, नीतियों और आदर्शों से आपका दूर दूर तक लेना देना नहीं रहा है।'' उपमुख्यमंत्री ने कहा, ''दरअसल मुस्लिम तुष्टिकरण ही आपकी राजनीति का केन्द्रीय हिस्सा रहा है। आप किसी भी राजनीति विज्ञानी से बात कर लें। वह आपको समझाएगा कि आपकी पार्टी का जन्म ही मुस्लिम तुष्टीकरण के डीएनए के साथ हुआ है और आपकी पूरी की पूरी राजनीति की दाल-रोटी भी यही है।'' 

'आपको इतना दर्द क्यों हैं?...'
ब्रजेश पाठक ने आरोप लगाया कि सपा प्रमुख ने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए आतंकियों से जुड़े 14 मामले एक साथ वापिस लिए हैं ताकि सपा के मुस्लिम तुष्टीकरण वाले डीएनए को खाद पानी मिलता रहे। उन्होंने कहा ‘‘ऐसे में मैं अच्छी तरह समझा सकता हूं कि डीएनए पर सवाल उठाने से आप इतने तिलमिलाए क्यों हैं? आपको इतना दर्द क्यों हैं?''

सपा ने की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
समाजवादी पार्टी के आधिकारिक एक्स हैंडल पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को निशाना बनाकर कथित आपत्तिजनक पोस्ट किए जाने के बाद पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार देर रात कहा था कि उन्होंने अपने लोगों से आश्वासन लिया है कि ऐसा दोबारा नहीं होगा और उम्मीद है कि पाठक भी इस तरह के बयान देना बंद कर देंगे। इस बीच, उपमुख्यमंत्री ने रविवार को अखिलेश से कहा कि वह अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को राम मनोहर लोहिया और जयप्रकाश नारायण जैसे नेताओं को पढ़ने और जनेश्वर मिश्र के भाषणों को सुनने के लिए कहें, ताकि उनके व्यवहार में समाजवाद झलके। 


 


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Content Editor

Pooja Gill

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