विधानसभा चुनाव 2022 में हर मोर्चे पर नाकाम BJP सरकार का विकल्प होगी सपा: चंद्रपाल सिंह

punjabkesari.in Tuesday, Sep 08, 2020 - 10:37 AM (IST)

झांसी: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य और राज्यसभा सांसद चंद्रपाल सिंह यादव ने प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को हर मोर्चे पर नाकाम बताते हुए कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) इसके मजबूत विकल्प के रूप में सामने आयेगी। 

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के झांसी-ललितपुर लोकसभा क्षेत्र के पूर्व समन्वयक और कुशवाहा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष जुगल किशोर कुशवाहा के सपा में शामिल होने के कार्यक्रम में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्यसभा सांसद ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर तीखे हमले किये और कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है, अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं, जातीय उन्माद चरम पर है और अधिकारी किसी बात को सुनने को तैयार नहीं है। सरकारी दफ्तरों में पैसे दिये बिना कोई काम नहीं होता, विकास के सभी कार्य रूके हुए हैं। पूरी तरह से अराजकता की स्थिति है। सामान्य तबका हो या गरीब सभी इस सरकार के शासनकाल में त्रस्त हैं। 

इस स्थिति को देखते हुए यह बेहद जरूरी है कि इस सरकार का स्थायी विकल्प बने जो मौजूदा सरकार की चुनौतियों का सामना कर सके। पूरा प्रदेश यह महसूस करता है के समाजवादी पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है जो वर्तमान सरकार का विकल्प दे सकती है। आगामी विधानसभा चुनाव में इस नाकाम सरकार को हटाने में सपा ही सक्षम है और अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी अपनी सरकार बनाकर पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने का काम करेगी।

गरीब, पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और समाज के हाशिये पर आये वर्गों के लिए आज सपा ही लड़ रही है। कुशवाहा जी भी समाज के दलितों और पिछड़ों के लिए लड़ चुके हैं लेकिन बसपा में आज इस लड़ाई की दशा और दिशा दोनों ही बिगड़ जाने के बाद इन जैसे लोगों ने सपा का दामन थामना ही उचित समझा। समाजवादी पार्टी ही इनकी मुहिम को और मुखर रूप दे सकती है इनके अनुभवों से हमें और हमारी पार्टी की नीतियों से इनको मजबूती मिलेगी।

 इस दौरान जुगल किशोर कुशवाहा ने कहा कि उन्होंने बसपा में रहकर उम्मीद लगायी थी कि यह पार्टी कांशीराम जी के पिछड़े, कमजोर और दलित वर्ग के उत्थान के लिए काम करेगी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और आंदोलन ने बीच में ही दम तोड़ दिया और इसी कारण मेरा बसपा से मोहभंग हो गया और मैंने सपा में शामिल होने का फैसला किया।

Umakant yadav