प्रयागराज से विदा हुए खास विदेशी मेहमान, संगम क्षेत्र हुआ वीरान… पर्यटकों को है अब नवंबर का इंतजार

punjabkesari.in Saturday, Mar 12, 2022 - 01:46 PM (IST)

प्रयागराज: नवंबर की शुरुआत से संगम के तट पर आये खास मेहमान अब अपने अपने देश वापस लौट रहे हैं और यह खास विदेशी मेहमान है साइबेरियन बर्ड्स। हर साल ये ख़ास विदेशी मेहमान नवंबर की शुरुआत में जब उत्तर भारत में गुलाबी ठंड दस्तक देती है उस समय लाखो की संख्या में पक्षी आते हैं और जब मार्च के महीने में गर्मी दस्तक देती है तब यह वापस अपने मुल्क लौट जाते हैं। करीब साढ़े चार महीनों तक संगम क्षेत्र इन विदेशी पक्षियों से गुलजार नजर आता है। माघ मेले की तैयारी के दौरान ही लाखों की संख्या में यह विदेशी मेहमान हर साल संगम शहर प्रयागराज पहुंचती हैं।

बता दें कि संगम क्षेत्र में अब साइबेरियन बर्ड्स की संख्या बेहद कम है जिसकी वजह से संगम पहुंच रहे पर्यटक और श्रद्धालु काफी मायूस हैं। उनका कहना है कि कुछ दिन पहले जब वो आए थे तो हर तरफ यह विदेशी मेहमान दिखाई देते थे लेकिन अब जब वह फिर से संगम पहुंचे हैं तो बेहद कम पक्षी दिखाई दे रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि इनके न होने से संगम क्षेत्र वीरान और सुनसान सा लगने लगा है।

देश दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेला माघ मेला का समापन 1 मार्च को हो गया था और तभी से ही खास विदेशी मेहमान भी अब धीरे-धीरे अपने देश के लिए रवाना होने लगे थे। हालांकि अब की बार भी वक़्त से पहले आई गर्मी ने इन विदेशी मेहमानों को संगम क्षेत्र से जाने के लिए मजबूर कर दिया है। बीते 7 दिनों की बात करें जो गर्मी 15 मार्च के बाद प्रयागराज में हुआ करती थी वह गर्मी शुरुआती मार्च के दौरान देखी गई है जिसकी वजह से खास विदेशी मेहमान यानी साइबेरियन बर्ड 10 दिन पहले ही संगम क्षेत्र से विदा होने लगे। कुछ दिन पहले साइबेरियन पक्षियों की संख्या लाखों में थी लेकिन अब सैकड़ों में रह गई है। देश के कोने कोने से आ रहे श्रद्धालुओं या पर्यटकों का कहना है कि उनको काफी मायूसी हासिल हुई है क्योंकि वह उनके साथ यहां वक्त गुजारने के लिए आए थे लेकिन पक्षियों के ना होने की वजह से उनको मायूसी ही हासिल हुई है।

गौरतलब है कि उत्तर भारत में गर्मी ने दस्तक दे दी है और इसका सीधा असर पूरे उत्तर भारत  के कई शहरों में देखने को मिल रहा है। अचानक से आई गर्मी ने लोगों को परेशान तो किया ही है साथ ही साथ अब पक्षियों पर भी और प्रकृति पर भी इसका असर देखा जा रहा है। तकरीबन साढ़े चार महीनों तक इन पक्षियों ने संगम तट पर अपना बसेरा बनाया हुआ था। देश दुनिया से आए श्रद्धालुओं ने इन विदेशी पक्षियों से गहरा नाता जोड़ लिया था लेकिन अब इन पक्षियों के बिना संगम तट वीरान और  सूना नजर आ रहा है। श्रद्धालुओं कहना है कि अब उनको नवंबर महीने का इंतजार रहेगा जब एक बार फिर से लाखों की संख्या में साइबेरियन पक्षियां दोबारा संगम क्षेत्र आएंगी और एक बार फिर से संगम क्षेत्र गुलजार होगा

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Mamta Yadav