SP-BSP में फूट से BJP को फायदा!

punjabkesari.in Friday, Jun 28, 2019 - 09:56 AM (IST)

लखनऊ\नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में एक बार फिर लाजवाब प्रदर्शन करते हुए सपा-बसपा गठजोड़ को भी चारों खाने चित्त कर दिया। लोकसभा चुनावों से पहले जब भाजपा के खिलाफ अखिलेश व माया ने एकजुट हो चुनाव लड़ने का फैसला लिया तो एक बारगी लगा कि यह गठबंधन भाजपा को कड़ी टक्कर देगा लेकिन चुनाव परिणामों के बाद सभी राजनीतिक पंडितों का आकलन गलत साबित हुआ।

जानकारी मुताबिक 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को 42.30 फीसदी वोट मिले थे जबकि सपा को 22.20 व बसपा को 19.26 फीसदी वोट मिले। अब अगर सपा-बसपा के वोट शेयर को मिला दिया जाए तो यह 41 फीसदी से ज्यादा बनता है जोकि भाजपा के वोट शेयर के करीब है। अनुमान का आधार यही था कि अगर सपा-बसपा एकजुट हो चुनाव लड़ें तो वे भाजपा को कड़ी टक्कर देंगे। मोदी और शाह की जोड़ी ने यूपी में सभी समीकरणों को पलट दिया।

बता दें कि बड़ी हार के बाद अब सपा-बसपा की राहें जुदा हो गई हैं, ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि भाजपा को इस अलगाववाद का फायदा होगा या नुक्सान। जहां तक भाजपा का सवाल है तो राजनीतिक लिहाज से यकीनी तौर पर उसे फायदा ही होगा। बात पूरी तरह से साफ है कि अगर सपा या बसपा को मजबूत भाजपा की कड़ी चुनौती से पार पाना है तो उसे अपने-अपने वोट शेयर को करीब- करीब 30 फीसदी से हर हाल में ऊपर ले जाना होगा, जो फिलवक्त तक संभव नहीं लग रहा है।

हालांकि 2014 की तुलना में भाजपा गठबंधन को इस बार थोड़ी कम सीटें जरूर मिलीं लेकिन वोट शेयर में जबरदस्त बढ़ौतरी हुई है। भारतीय जनता पार्टी को इस बार चुनाव में उत्तर प्रदेश में 62 सीटें मिलीं जबकि उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल ने 2 सीटों पर जीत हासिल की है। भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए को इस बार कुल 64 सीटें मिलीं जबकि 2014 के चुनाव में एनडीए ने 73 सीटें हासिल कीं जिसमें भाजपा ने अकेले 71 सीटें जीती थीं। सीट के आधार पर देखा जाए तो एनडीए और भाजपा दोनों को ही यूपी में 9 सीटों का नुक्सान हुआ है।

Anil Kapoor