अयोध्या फैसले पर पुनर्विचार की मांग करना दोहरा मानदंड : श्री श्री रविशंकर

punjabkesari.in Sunday, Dec 01, 2019 - 06:50 PM (IST)

 

लखनऊ/कोलकाताः अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश के खिलाफ अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के पुनर्विचार याचिका दायर करने के फैसले को आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने “दोहरा मानदंड” करार दिया। उन्होंने कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों को आगे बढ़ना चाहिए और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहिए। उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित मध्यस्थता समिति के सदस्य रहे आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि मामला काफी पहले सुलझा लिया गया होता, अगर एक पक्ष विवादित जगह पर मस्जिद बनाने पर न अड़ा रहता। भारत में मौजूदा आर्थिक संकट के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिये काफी कुछ किए जाने की जरूरत है।

श्री श्री रविशंकर ने यहां पीटीआई को दिये एक खास साक्षात्कार में कहा, “हां, मैं अयोध्या पर फैसले से खुश हूं। मैं 2003 से कह रहा हूं कि दोनों समुदाय इस पर काम कर सकते हैं...एक तरफ मंदिर बनाइए और दूसरी तरफ मस्जिद। लेकिन ये जिद की मस्जिद वहीं बनानी है, उसका कोई मतलब नहीं है।” श्री श्री शहर के नेताजी इंडोर स्टेडियम में लोगों को संबोधित करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने नए कार्यक्रम “व्यक्ति विकास से राष्ट्र विकास” की भी घोषणा की। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के फैसले को “लंबे समय से चले आ रहे विवाद को सुलझाने के लिये बेहद अच्छा निर्णय” बताया।

उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने नौ नवंबर को एकमत से अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करते हुए केंद्र को निर्देश दिया था कि वह सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिये पांच एकड़ का भूखंड आवंटित करे। इस फैसले को लेकर एआईएमपीएलबी द्वारा पुनर्विचार याचिका दायर करने की योजना के बारे में पूछे जाने पर आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि किसी भी फैसले से सभी लोग खुश नहीं हो सकते।

‘द आर्ट ऑफ लीविंग फाउंडेशन' के संस्थापक ने कहा, “स्वाभाविक है, हर किसी को एक फैसले से खुश नहीं किया जा सकता, अलग-अलग लोगों की अलग राय होती है...जो लोग फैसले पर पुनर्विचार के लिये योजना बना रहे हैं वही लोग पहले कह रहे थे कि वे उच्चतम न्यायालय के फैसले को स्वीकार करेंगे, उन्होंने अपना मन बदल लिया।” जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने पिछले हफ्ते कहा कि हाल के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका का मसौदा तैयार है और याचिका तीन या चार दिसंबर को दायर की जाएगी।
 

Tamanna Bhardwaj