जब मृत घोषित महिला को जिंदा करने लगा तांत्रिक तो जुट गई तमाशबीनों की भीड़

punjabkesari.in Wednesday, Oct 11, 2017 - 02:08 PM (IST)

इलाहाबादः उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जहां पर डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित एक महिला को तांत्रिक जिंदा करने का दावा करता है। जिसके बाद चमत्कार की आस में तमाशबीनों की भीड़ जुट जाती है।

बाकायदा मुख्य अग्नि के लिए गए शव को तांत्रिक के आगे रख दिया जाता है। हैरानी की बात है कि आज की 21वीं सदी में भी लोग इस तरह के चमत्कारों में आस्था रखते है।


जानिए पूरा मामला
दरअसल मामला नवावगंज सैसदासीपुर का है। जहां की निवासी ज्योती यादव लकवाग्रस्त थी। बीते दिन को उसकी अचानक से तबीयत बिगड़ जाती है। जिसे उसका पति यशवंत जिले के एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराता है। जहां डॉक्टर उसे  मृत घोषित कर देते है। अगली सुबह परिजन मृतका के शव को अंतिम संस्कार के लिए शमशान लेकर जाते है। जहां शव को विधिपूर्वक नहालाया जाने लगता है, तभी मृतका का शव कांपने लगता है। ये सब देखकर लोग हैरान हो जाते है। सबके जहन में एक ही बात घुमने लगती है कि एक मृत का शव कैसे हिल सकता है। 

तात्रिकों ने अजमाए तंत्र-मंत्र
जिसके बाद परिजनों ने शव को पानी से बाहर निकाला। वहीं शमशानघाट में मौजूद तात्रिंक ये सब देख रहा था। तात्रिंक दावा करने लगा कि वो यमराज से उसको बचा कर लेकर आएगा। वहां मृत महिला को जिंदा कर देगा। तात्रिंक अपने दावे के अनुसार उसे जिंदा करने की कोशिश करने लगा, लेकिन तब भी मृतका जिंदा न हुई। तात्रिंक यही नहीं रूका वहां मौजूद सभी तात्रिंको ने तंत्र-मंत्र अजमाए पर सब विफल रहा। इसके बाद शव को परियांवा के तांत्रिक के पास ले जाया गया। जहां पर तंत्र-मंत्र की सारी विद्या अजमाई गई ,लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकला। 

मृतका के शव से आने लगी बदबू 
इन सब से आहत होकर परिजन शव को एक निजी नर्सिग होम ले गए, जहां पर डॉक्टरों ने जांच करने के बाद महिला को फिर से मृत घोषित कर दिया। इतना सब कुछ होने के बाद भी तांत्रिको ने फिर से अपनी बात दोहराई। मृतका को फिर से जिले के अघोरी बाबा के पास ले जाया गया। इन सब के बीच मृतका के शव से बदबू आने लगी जिससे परिजनों को यकीन हो गया कि डॉक्टरों के कहे अनुसार महिला मृत है।

क्या कहना हैं डाक्टर का?
इस बाबत में डॉक्टर यूबी सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि जब तक ईसीजी की रिपोर्ट ना हो, किसी को मृत घोषित करना सही नहीं है। जैसा ग्रामीण दावा कर रहे हैं कि ज्योति जिंदा हुई थी। तो इसका एक कारण हो सकता है कि ज्योति कोमा में रही हो और नहलाते समय उसे होश आया हो। वैसे भी ज्योति लगभग 5 महीने से लकवाग्रस्त थी। ऐसे में इसकी संभावना प्रबल है।