बेटियों के हाथों में UP के परिवहन की स्टेयरिंग, राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह बोले- ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को दी जा रही ड्राइविंग की ट्रेनिंग
punjabkesari.in Saturday, Mar 25, 2023 - 04:51 PM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश में किसी गंतव्य तक जाने के लिए यदि आप यूपी रोडवेज की बस को चुनते हैं तो हो सकता है कि आपका टिकट काटने वाली कंडक्टर कोई महिला हो। ये आपके लिए सामान्य बात हो सकती है, क्योंकि यूपी रोडवेज में काफी समय से महिला कंडक्टर इस जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही हैं। हालांकि सफर के दौरान यदि आपकी नजर ड्राइविंग सीट की ओर जाए और वहां किसी महिला को बस ड्राइव करते देखें तो चौक मत जाइएगा। बेटियां अब उप्र की परिवहन सेवा की भी स्टेयरिंग भी संभाल रही हैं। 2022 में ही यूपी रोडवेज ने पहली बार रोडवेज बस की ड्राइविंग सीट पर महिला ड्राइवर को बिठाया था और तब से अब तक कई और महिलाएं इस भूमिका के लिए तैयार हो चुकी हैं।
प्रियंका शर्मा उत्तर प्रदेश की पहली रोडवेज बस ड्राइवर बनी
31 दिसंबर 2022 को प्रियंका शर्मा उत्तर प्रदेश की पहली रोडवेज बस ड्राइवर बनी थीं। उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा नियुक्त 26 महिला ड्राइवरों में से प्रियंका भी एक हैं। हल्के और भारी वाहनों को चलाने में निपुण इन महिलाओं को रोडवेज के प्रदेश के अलग-अलग डिपो में तैनाती दी गई है। इन्हें इनके गृह जिले के डिपो में 17 महीने तक बसों को चलाने का मौका दिया गया है। जिसके बाद बतौर संविदा चालक रोडवेज में भर्ती कर लिया जाएगा।
राज्य में अपनी तरह की यह अनूठी शुरुआत
राज्य में अपनी तरह की यह अनूठी शुरुआत कौशल विकास मिशन और रोडवेज के संयुक्त प्रयास से अंतरर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आठ मार्च 2020 को की गई थी। इसके तहत इन्हें 200 घंटे की हल्के वाहन (एलएमवी) की ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद इन्हें 400 घंटों की हैवी वाहन यानी बस (एचएमवी) की ट्रेनिंग दी गई। इस प्रशिक्षण में नियमित कक्षाएं लगीं और इंटरव्यू व प्रैक्टिकल भी शामिल रहा। फिलहाल यूपी रोडवेज में 1104 महिलाएं विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे रही हैं।
60 साल से ऊपर की महिलाओं को निशुल्क यात्रा कराएंगेः परिवहन राज्य मंत्री
परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह, ने कहा कि मुख्यमंत्री के संकल्प को पूरा करते हुए हम प्रदेश की 2-3 करोड़ 60 साल से ऊपर की महिलाओं को निशुल्क यात्रा कराएंगे। इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को ड्राइविंग की ट्रेनिंग कराकर उनसे रोडवेज बसें चलवाएंगे। पिंक बसों में ड्राइवर से लेकर कंडक्टर तक की जिम्मेदारी महिलाएं ही संभाल रही हैं।