STF को मिली बड़ी सफलता, घटतौली के लिये चिप लगे इलेक्ट्रॉनिक तराजू बेचने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़

punjabkesari.in Saturday, Aug 22, 2020 - 06:58 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने राजधानी लखनऊ और पड़ोस के बाराबंकी जिले घटतौली के लिये चिप तथा रिमोट के जरिये चलने वाले इलेक्ट्रानिक तराजू बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर उसके पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ के सूत्रों ने शनिवार को बताया कि बल को सूचना मिली थी कि इस गिरोह के कुछ सदस्य 21 अगस्त को इलेक्ट्रानिक तराजू बेचने और पुराने तराजुओं की मरम्मत करने के लिये लखनऊ के नगराम और बाराबंकी के लोनीकटरा क्षेत्र में पहुंचेंगे। सूत्रों के मुताबिक इसी सूचना पर शुक्रवार रात को एसटीएफ की टीम नगराम के अमवा मुर्तजापुर गांव में लालबहादुर के गल्ले की दुकान पर पहुंची जहां चार व्यक्ति हरमीत सिंह, राम किशन, राम विलास और लाल बहादुर इलेक्ट्रॉनिक मशीन, चिप रिमोट तथा इन्हें लगाने के अन्य उपकरणों के साथ मौजूद मिले। एसटीएफ टीम ने इन मशीनों को चलवाकर देखा तो पाया गया कि घटतौली करने के लिये तराजू के अंदर चिप लगायी गयी है और चोरी—छुपे रिमोट के जरिये संचालित की जा रही है। इस पर सभी को गिरफ्तार कर लिया गया।

उधर, एसटीएफ की एक टीम बाराबंकी भी पहुंची और कार्यकारी मजिस्ट्रेट तथा स्थानीय पुलिस को साथ लेकर गौरवा उस्मानपुर गांव में बैजनाथ किसान इंटर कालेज के पास मुखबिर के बताये अनुसार दिनेश उपाध्याय नामक व्यक्ति की तलाशी ली गयी। उसके पास भी इलेक्ट्रानिक तराजू में लगने वाली चिप और रिमोट लगाने के उपकरण मिले। पूछताछ करने पर उपाध्याय ने स्वीकार किया कि वह घटतौली के लिये मशीनों की बिक्री, मरम्मत एवं ऐसी चिप तथा रिमोट का काम करता है। उसने उस क्षेत्र में कई मशीनें लगायी हैं। उसकी निशानदेही पर हसन और लल्लन की दूकान पर इलेक्ट्रानिक तराजुओं का निरीक्षण किया गया, जिसमें घटतौली करने के लिये चिप तथा उसे रिमोट से संचालित किया जाना पाया गया।

गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि उनके जैसे बहुत से लोग इस धन्धे से जुड़े हैं, क्योंकि घटतौली वाले इलेक्ट्रानिक तराजू की मांग बहुत ज्यादा है। इन इलेक्ट्रानिक तराजूओं की प्रिन्टेड सर्किट बोर्ड में ही इस प्रकार की प्रोग्रामिंग की जाती है कि वह दो अलग-अलग मानक पर सेट हो जाती है। उन्हें गोपनीय बटन या रिमोट की सहायता से चुपके से कुछ क्षण में ही एक मानक से दूसरे मानक में परिवर्तित किया जा सकता है। अभियुक्तों ने बताया कि जब किसी ग्राहक को कोई आशंका होती है और वह लोहे के बाट से अपने सामने इलेक्ट्रानिक तराजू का सत्यापन करने को कहता है तो इलेक्ट्रानिक मशीन मालिक पल भर में ही उसे सही मानक पर लगा देते है जिससे वह रखे हुए लोहे के बांट का सही वजन बताती है और ग्राहक सन्तुष्ट हो जाता है। ऐसा होने से ईमानदार दुकानदारों को नुकसान होता है, नतीजतन मजबूरी के कारण ज्यादा से ज्यादा लोग ऐसी चिप वाले इलेक्ट्रॉनिक तराजू खरीद रहें है। 

 

 


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Ramkesh

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