IIT कानपुर के चार प्राध्यापकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश पर रोक

punjabkesari.in Wednesday, Apr 18, 2018 - 07:29 PM (IST)

इलाहाबादः इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) की उन सिफारिशों पर आज रोक लगा दी जिसमें आयोग ने अनुसूचित जाति के एक सहायक प्रोफेसर के उत्पीडऩ के आरोप में आईआईटी कानपुर के निदेशक को चार प्राध्यापकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश की थी।

न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति अशोक कुमार की पीठ ने इशान शर्मा और तीन अन्य लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश पर रोक लगाने का आदेश दिया। अदालत ने इस आयोग की उस सिफारिश पर भी रोक लगा दी जिसमें केंद्र सरकार के अधिकारियों को इनमें से एक याचिकाकर्ता डाक्टर राजीव शेखर की आईआईटी-आईएसएम, धनबाद के निदेशक के तौर पर नियुक्ति पर रोक लगाने के लिये कहा गया था।

हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि आईआईटी कानपुर का प्रशासन यदि चाहे तो कानून के मुताबिक इन प्रोफेसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकता है।  अदालत ने आयोग को नोटिस जारी किया और इस मामले में सहायक प्रोफेसर एस. सदरेला को जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

आईआईटी कानपुर में एयरोस्पेस विभाग में सहायक प्रोफेसर सदरेला ने चार प्राध्यापकों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया था और इनके खिलाफ एनसीएससी में शिकायत की थी। याचिकाकर्ता ने इस मामले में दलील दी कि ये सिफारिश करते हुए आयोग ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम किया और उसके पास इस तरह की सिफारिश करने का कोई अधिकार नहीं है। 

Tamanna Bhardwaj