CM योगी का अधिकारियों को निर्देश- कर चोरी करने वालों के खिलाफ की जाए सख्त कार्रवाई
punjabkesari.in Wednesday, Jun 12, 2019 - 07:57 AM (IST)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्धारित विभागीय राजस्व लक्ष्यों को समयबद्ध ढंग से प्राप्त करने के साथ कर चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कारर्वाई करने के अधिकारियों को निर्देश दिए। योगी के समक्ष लोक भवन में वाणिज्य कर विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण किया गया। मुख्यमंत्री ने वाणिज्य कर विभाग के कार्यों की समीक्षा की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वाणिज्य कर विभाग लगातार वाणिज्यिक गतिविधियों की मॉनीटरिंग कर राजस्व चोरी में लगे तत्वों को चिन्हित करे और उनके खिलाफ सख्त कारर्वाई सुनिश्चित करे।
इस मौके पर वाणिज्य कर विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक सिन्हा ने वाणिज्य कर राजस्व के लिए वर्ष 2019-20 में निर्धारित 77,640 करोड़ रुपए के लक्ष्य के सापेक्ष कर संग्रह के विषय में मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए बताया कि मई, 2019 तक 10,730.52 करोड़ रुपए का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसके सापेक्ष 10,711.17 करोड़ रुपए की प्राप्ति की जा चुकी है। उन्होंने पिछले 03 वर्षों के दौरान प्रवर्तन कार्य से जमा धनराशि के विषय में भी उन्हें अवगत कराया।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि वाणिज्य कर विभाग की प्रवर्तन इकाइयों ने अब तक 317 बोगस फर्मों/व्यापार को चिन्हित किया है। इनमें से 131 का पंजीयन निरस्त किया जा चुका है और 45 के खिलाफ एफआईआर की गई है। उन्होंने विभाग द्वारा की गई नई पहलों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि विभाग द्वारा मोबाइल मैनेजमेन्ट सिस्टम (सचल दल), एसआईबी मैनेजमेन्ट सिस्टम (विअनुशा) तथा सचल दल पर वेहिकिल ट्रैकिंग सिस्टम एवं कमाण्ड सेण्टर मुख्यालय से अनुश्रवण की पहल की गई। उन्होंने बताया कि आरएफआईडी के तहत प्रदेश में 41 प्रवेश मार्गों पर आरएफआईडी रीडर स्थापित किए गए हैं। प्रदेश के आरएफआईडी सिस्टम की सराहना जीएसटी काउन्सिल द्वारा की गई है।
सिन्हा ने बताया कि पंजीयन स्थल के सत्यापन के लिए मोबाइल एप, एप के माध्यम से ई-वे बिल का सत्यापन (लखनऊ जोन में पायलट प्रोजेक्ट), ऑनलाइन हियरिंग (कॉरपोरेट सेक्टर वादों की ऑनलाइन हियरिंग होने से कार्यालय आने से मुक्ति), रिटर्न दाखिले की पूर्व सूचना के लिए 60.53 लाख एसएमएस भेजे गए तथा नॉन फाइलर को 20.44 लाख ऑनलाइन नोटिस जारी की गईं। ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के तहत सिनेमा इत्यादि के लाइसेंस की प्रक्रिया ऑनलाइन की गई। इस प्रकार विभाग में कई नई पहल की गईं।