टिकट को लेकर सपा में मचा घमासानः चुनाव की रणनीति बनाना भूल अपनों के रुठने-मनाने में जुटे अखिलेश

punjabkesari.in Friday, Mar 29, 2024 - 08:48 AM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सत्तासीन दल भाजपा जहां पहले चरण के प्रचार में पूरे दमखम के साथ उतरने को तैयार है वहीं, मुख्य विपक्षी दल सपा में घमासान मचा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव चुनाव की रणनीति बनाने से ज्यादा अपनों की नाराजगी को दूर करने में उलझे हैं। कहीं रूठने-मनाने के चक्कर में तो कही भाजपा के घोषित उम्मीदवार को देखते हुए भी अखिलेश एक के बाद एक लोकसभा के टिकट बदलने को मजबूर हैं। किसी-किसी सीट पर दो से तीन बार तक बदलाव किया गया।



मुरादाबाद और रामपुर में पार्टीजनों के बीच चली खींचतान जगजाहिर
पहले चरण के नामांकन के अंतिम दिन तक बुधवार को मुरादाबाद और रामपुर में पार्टीजनों के बीच चली खींचतान जगजाहिर रही। वहीं, गुरुवार को गौतमबुद्ध नगर में भी बदलाव हुआ। मेरठ का टिकट भी बदला जाना तय माना जा रहा है। पहले बदायूं, मिश्रिख में उम्मीदवार बदले गए थे। दरअसल, गौतमबुद्ध नगर लोस. सीट से पहले सपा ने डॉ. महेंद्र नागर का टिकट काटकर राहुल अवाना को उम्मीदवार बनाया। गुरुवार को सपा ने फिर बदलाव करते हुए डॉ. महेंद्र नागर को ही वहां से प्रत्याशी बना दिया। उधर, मेरठ लोस सीट से भानु प्रताप सिंह सपा के फिलहाल प्रत्याशी हैं लेकिन अब मेरठ में भाजपा से अरुण गोविल के उतरने के बाद नया उम्मीदवार सपा लाएगी। बिजनौर से भी पहले यशवीर सिंह प्रत्याशी बनाए गए और उसके बाद दीपक सैनी को टिकट थमा दिया गया।



इसे रणनीति कहें या कन्फ्यूजन ?
अखिलेश यादव ने सबसे पहले बदायूं में पूर्व घोषित प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव की जगह चाचा शिवपाल को मैदान में उतारा। बाद में धर्मेंद्र को आजमगढ़ से उम्मीदवार बनाया गया। सूत्रों के मुताबिक, शिवपाल बदायूं से अपने बेटे आदित्य यादव को लड़ाना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका जबकि, मिश्रिख सीट से पहले रामपाल राजवंशी को टिकट दिया गया। फिर उनके बेटे मनोज राजवंशी को मंजूरी मिली फिर वहां तीसरी बार टिकट बदलते हुए मनोज की पत्नी संगीता राजवंशी को टिकट सौंप दिया गया। हालांकि, बरेली जिले की आंवला सीट के भी प्रत्याशी बदलने की चर्चा है लेकिन यहां से सपा उम्मीदवार नीरज मौर्य मजबूत स्थिति में हैं।

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Ajay kumar