गाजियाबाद के लोनी में दमघोंटू हालात, धुएं से ढका आसमान, लोगों की सांसों पर भारी डंपिंग ग्राउंड की आग

punjabkesari.in Monday, Nov 10, 2025 - 12:58 PM (IST)

गाजियाबाद (आकाश गर्ग): चारों तरफ धुएं का गुब्बार हर ओर बस काला धुंआ और दमघोंटू हवा अगर कोई कहे कि यहीं रहो तो शायद आप भी कहेंगे, "यहां तो दम घुट जाएगा!" लेकिन अफसोस, गाजियाबाद के लोनी के लोगों के पास कोई और जगह नहीं है... पिछले 10–15 दिनों से डंपिंग ग्राउंड में लगी आग ने इलाके को जहरीली गैसों का घर बना दिया है...और प्रशासनिक अधिकारी? वो शायद किसी "साफ हवा" वाले कमरे में आराम फरमा रहे हैं। 

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कचरे में लगी ये आग सिर्फ डंपिंग ग्राउंड के कचरे को ही नहीं, लोगों की सेहत को भी जला रही है,,, दिल्ली-एनसीआर पहले से ही ‘बहुत खराब’ वायु गुणवत्ता झेल रहा है,,,और अब ये आग प्रदूषण के जख्म पर नमक का काम कर रही है,,,यहां आसपास रहने वाले लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है...लोग आंखों में जलन, सिरदर्द और लगातार खांसी से परेशान हैं...लेकिन अधिकारियों की "सांस" अब तक नहीं टूटी है। 

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आसपास के गांव और कॉलोनियां पिछले काफी समय से लोग इस जहरीले धुएं में जीने को मजबूर हैं...बुजुर्ग और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित है...शिकायतें हुईं, लेकिन जवाब आया कि प्रशासन समस्या के समाधान में लगा है,,मगर हालात अभी भी बद से बदतर है,,,ऐसा लगता है जैसे प्रशासन का समाधान वाला फाइल भी इसी धुएं में कहीं खो गई है। 

विशेषज्ञों का कहना है कि डंपिंग ग्राउंड में बनने वाली मीथेन गैस ही आग की वजह बनती है,,,अगर कचरे का वैज्ञानिक प्रबंधन न हो, तो ये आग बार-बार भड़केगी,,, लेकिन सवाल ये है  जब दमघोंटू हवा में पूरा इलाका घिर चुका है,,, तो प्रशासन अब भी "नीतियों" की फाइलों में क्यों उलझा है? स्थानीय लोगों की मांग है कि आग पर तुरंत काबू पाया जाए,,, डंपिंग ग्राउंड की सफाई और अपशिष्ट प्रबंधन की ठोस व्यवस्था की जाए। वरना ये आग सिर्फ कचरे की नहीं, सिस्टम की नाकामी की निशानी बन जाएगी।


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Content Writer

Ramkesh

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