गन्ना की खेती छोड़ वैकल्पिक खेती में जुटा किसान, मोती पालन से दस गुना होगा मुनाफा
punjabkesari.in Sunday, Mar 20, 2022 - 02:51 PM (IST)

बागपत: बागपत को यूं तो गन्ने का हब कहा जाता है और ये सही भी है क्योंकि बागपत में सबसे ज्यादा रकबे पर गन्ने की खेती ही की जाती है गन्ने की अधिक पैदावार के चलते बागपत जैसे छोटे जिले में तीन शुगर फैक्ट्री है जो किसानों का गन्ना खरीदती है इसके बावजूद बागपत के गन्ना किसान गन्ने के भुगतान को लेकर आंदोलनरत रहते हैं। वहीं पीएम मोदी के स्वरोजगार नीति से प्रभावित होकर गन्ना किसान अब अन्य वैकल्पिक खेती की तैयारी में जुट गए हैं। दरअसल, जिले के काठा गांव के रमेश सिंह नाम के किसान ने अपनी दो बीघा कृषि भूमि पर मोती की खेती शुरू की है उन्होंने बताया कि इससे उनकी खेती के हिसाब से 10 गुना मुनाफा होगा।
रमेश सिंह ने बताया गन्ने के भुगतान में शुगर फेक्टरियों की मन मानी के चलते अब बागपत के किसान गन्ने के अलावा अन्य वैकल्पिक फसलों की तरफ भी आकर्षित होने लगा है। दरअसल, समुंद्री जीव सीप से मोती बनता है और ये मोती काफी महंगे दाम पर गुजरात और महाराष्ट्र में सप्लाय होता है और उत्पादन के सापेक्ष मोती की मांग इतनी अधिक है कि भारत को करीब 60% मोती आयात करने पड़ता है। मोती की खेती आम तौर ओर समुंदर के तटीय इलाको में की जाती है लेकिन अब बागपत के किसान भी इस दिशा में कदम उठा रहे है।
किसान रमेश बताते है कि बागपत में पहली बार मोती की खेती कर के उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है। किसान रमेश का कहना है कि यदि सरकारी तौर पर कुछ सहायता इस खेती पर मिलने लगे तो बागपत के किसान की गन्ने पर निर्भरता कम हो जाएगी और किसान कम जमीन कम लागत और कम मेहनत में भी अधिक मुनाफा कमा सकता है।