अनुपूरक बजट पर विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना, सदन से किया बहिर्गमन

punjabkesari.in Thursday, Feb 11, 2016 - 07:47 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज मुख्य विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी (बसपा)भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस सदस्यों के बहिर्गमन के बीच 27,758.98 करोड़ रुपये की अनुपूरक अनुदान मांगें पारित कर दी गई। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 14,206.52 करोड़ के राजस्व लेखा और 13,552.45  करोड़ रुपये के पूंजी लेखा के समावेश वाली द्वितीय अनुपूरक अनुदान मांगें विधानसभा में रखी। विपक्षी दल बसपा, भाजपा तथा कांग्रेस के सदस्यों ने राज्य का आम बजट पेश होने के एक दिन पहले अनुपूरक मांगे पेश किए जाने के औचित्य पर सवाल करते हुए सदन से बहिर्गमन किया।

इस दौरान अनुपूरक मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। प्रस्तुत अनुपूरक में विद्युत वितरण कम्पनियों की वित्तीय पुनर्गठन योजना ‘उदय’ के तहत राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार से अनुमति प्राप्त करके 26,606 करोड़ रुपये के बन्ध-पत्र जारी किए जाएंगे, जिनसे प्राप्त धनराशि विद्युत वितरण कम्पनियों को अनुदान, अंशपूंजी और ऋण के रूप में अन्तरित की जाएगी। इस योजना के तहत जारी किए जाने वाले बन्ध-पत्र की धनराशि केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबन्ध अधिनियम 2004 की वार्षिक ऋण सीमा प्रावधान के अतिरिक्त होगी। सूखा राहत के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से प्राप्त होने वाली धनराशि के सापेक्ष व्यय के लिए 904.52 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इन राशियों को हिसाब में लेने पर अनुपूरक मांग में राज्य सरकार पर 248.86 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा, जिसकी भरपाई अनुत्पादक खर्चों में कटौती करके किया जाएगा। 

इसके पूर्व, विधानसभा में बसपा और विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने आंकड़ों का हवाला देते कहा कि सरकार मौजूदा बजट को ही ठीक से खर्च नहीं कर पाई है, और वह अतिरिक्त धन मांग रही है। उन्होंने कहा ‘दुग्ध विकास, गन्ना और सहकारिता विभाग को छोड़कर किसी भी विभाग में बजट की धनराशि खर्च नहीं हुई है। कुछ विभागों में तो बजट के तहत आबंटित धन का 62 प्रतिशत बेकार पड़ा है। ऐसे में सरकार 27,758 करोड़ का अतिरिक्त बजट कैसे खर्च कर सकेगी। इससे भ्रष्टाचार, घोटालों और धन के दुरपयोग को बढ़ावा मिलेगा।’’ 

भाजपा विधानमण्डल दल के नेता सुरेश खन्ना और उनके कांग्रेसी समकक्ष प्रदीप माथुर ने भी अनुपूरक मांगों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार के पास 27 हजार 758 करोड़ रपये खर्च करने के लिये सिर्फ 40 दिन होंगे। इसके बाद बसपा, भाजपा और कांग्रेस के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।  मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि सरकार ने सिर्फ राजस्व, सहकारिता और ऊर्जा विभागों के लिए ही अनुपूरक मांगें पेश की हैं। ये तीनों विभाग सीधे तौर पर जनता से जुड़े हैं। उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष एक तरफ तो हम पर कुछ ना करने का आरोप लगाता है, वहीं दूसरी ओर जब हम कुछ करना चाहते हैं तो वह सदन से बाहर चला जाता है।’’ 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ओलावृष्टि और सूखे जैसी समस्याओं के समाधान पर खर्च करने के लिए अनुपूरक मांगें लेकर आई है। सरकार इन प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान नहीं लगा सकती। इसके बाद अनुपूरक मांगों को विधान परिषद में भी ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। उसके बाद कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके पूर्व, बसपा तथा कांग्रेस सदस्यों ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े करते हुए सदन से बहिर्गमन किया। नेता सदन अहमद हसन द्वारा कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सदन में दिए गए जवाब से विपक्ष ने असंतुष्टि जाहिर की।