सुप्रीम कोर्ट ने रेप आरोपी पूर्व मंत्री चिन्मयानंद को दिया बड़ा झटका

punjabkesari.in Thursday, Oct 08, 2020 - 02:04 PM (IST)

नई दिल्ली: छात्रा से रेप के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें उन्हें पीड़िता के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयानों की कॉपी देने को कहा गया था। इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को रद्द कर दिया है। 

क्या था इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश?
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 7 नवंबर, 2019 को आदेश दिया था कि चिन्मयानंद ष्टक्रक्कष्ट (आपराधिक प्रक्रिया संहिता) की धारा 164 के तहत दर्ज पीड़िता के बयान की प्रमाणित प्रति पाने के हकदार है। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। कोर्ट ने 2014 के अपने पिछले फैसले का हवाला देते हुए कहा कि एक बलात्कार पीड़िता का बयान अधिमानत: एक महिला मजिस्ट्रेट के सामने सीधे 24 घंटे के भीतर दर्ज किया जाना चाहिए।



बता दें कि 17 नवंबर, 2019 को ही सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को शाहजहांपुर के कानून की छात्रा द्वारा दर्ज किए गए बयान की प्रमाणित प्रति का उपयोग करने की अनुमति मिली थी। छात्रा ने चिन्यमयानंद के खिलाफ यौन उत्पीडऩ और दुष्कर्म के आरोप लगाए हैं। कानून की छात्रा का बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किया गया था। पीठ ने नोटिस जारी कर उत्तर प्रदेश सरकार और चिन्मयानंद से छात्रा की याचिका पर जवाब मांगा था। 

हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ छात्रा ने की थी अपील 
शाहजहांपुर कानून की छात्रा ने हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपील किया था। अपनी याचिका में, छात्रा ने कहा था कि आरोप पत्र दाखिल करने से पहले पीड़िता के बयान की एक प्रति देने का हाईकोर्ट का आदेश कानून के विपरीत था और इसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं। याचिका में कहा गया कि धारा 164 सीआरपीसी के तहत पीड़िता के बयान की प्रति लेने के लिए एक पूर्व शर्त यह है कि आरोप पत्र दायर किया गया हो और मजिस्ट्रेट द्वारा उसे संज्ञान में ले लिया गया हो। 

Ajay kumar