सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणी- यूपी सरकार से तंग आ चुके हैं हम, वहां जंगलराज

punjabkesari.in Friday, Oct 18, 2019 - 01:08 PM (IST)

नई दिल्ली/ लखनऊः बुलंदशहर के सैकड़ों वर्ष पुराने मंदिरों के प्रशासन से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को जमकर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि हम उत्तर प्रदेश सरकार से तंग आ चुके हैं। ऐसा लग रहा है कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज है? जो वहां के वकीलों को पता ही नहीं है कि किस नियम के तहत काम किया जा रहा है। कोर्ट ने ये भी पूछा गया कि सरकार किस कानून के तहत मंदिर और उनकी संस्थाओं की निगरानी कर रही है।

यूपी सरकार पर सुप्रीम कोर्ट ने की तीखी टिप्पणी
कोर्ट ने कहा कि आखिर ऐसा क्यों होता है कि अधिकतर मामलों में यूपी सरकार की ओर से पेश वकीलों के पास संबंधित अथॉरिटी का कोई उचित निर्देश नहीं होता। ये तीखी टिप्पणी सुनवाई के दौरान पीठ ने की। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के वकील की बोलती बंद ही रही।

कोर्ट के सवाल पर यूपी के वकील को नहीं आया कोई जवाब
जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने यूपी सरकार की ओर से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल से पूछा कि क्या यूपी में कोई ट्रस्ट या सहायतार्थ ट्रस्ट एक्ट है? क्या वहां मंदिर व सहायतार्थ चंदे को लेकर कोई कानून है? यूपी सरकार के वकील ने कहा कि इस बात की उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

राज्य सरकार चाहती ही नहीं कि वहां कानून हो- सु्प्रीम कोर्ट
इस पर नाराज होकर पीठ ने कहा, ऐसा लगता है कि राज्य सरकार चाहती ही नहीं कि वहां कानून हो। पीठ ने कहा, लगता है वहां जंगलराज है। हम यूपी सरकार से परेशान हो गए हैं। हर दिन ऐसा देखने को मिलता है कि सरकार की ओर से पेश वकीलों के पास उचित निर्देश नहीं होते हैं। फिर चाहें वह दीवानी मामला हो या आपराधिक। पीठ ने पूछा कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है।

कोर्ट ने मुख्य सचिव को मंगलवार को पेश होने को कहा
नाराज पीठ ने 2009 के इस मामले में अब यूपी के मुख्य सचिव को तलब किया है। पीठ ने कहा, हम सीधे मुख्य सचिव से जानना चाहते हैं कि क्या यूपी में मंदिर और सहायतार्थ चंदे को लेकर कोई कानून है? पीठ ने मुख्य सचिव को मंगलवार को पेश होने को कहा है।

क्या है मामला?
ये मामला बुलंदशहर के एक मंदिर से जुड़ा है, जहां मंदिर प्रशासन पर दान के दुरुपयोग का आरोप लगा है। जब ये आरोप लगे थे तब उत्तर प्रदेश की सरकार ने मंदिर को चलाने के लिए एक बोर्ड बनाया था, लेकिन बात नहीं बन पाई और मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया। मामले में विजय प्रताप सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें मंदिर के चढ़ावे को वहां काम करने वाले पंडों को दे दिया गया था।

Tamanna Bhardwaj