निलंबित IPS अधिकारी अरविंद सेन को भेजा गया जेल, लगा था ये गंभीर आरोप

punjabkesari.in Thursday, Jan 28, 2021 - 09:35 AM (IST)

लखनऊ: भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तारी वारंट का सामना कर रहे एक आईपीएस अधिकारी ने बुधवार को यहां एक विशेष भ्रष्टाचार निवारण अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया और अदालत ने अधिकारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन ने भ्रष्टाचार निवारण अदालत के विशेष न्यायाधीश संदीप गुप्ता के समक्ष आत्मसमर्पण किया। सेन को एक मामले में एक भगोड़ा घोषित किया गया था जिसमें उन पर राज्य के पशुपालन विभाग में निविदा आवंटित करने के लिए 10 लाख रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है। व्यवसायी एम एस भाटिया उर्फ रिंकू की शिकायत पर लखनऊ के हजरतगंज पुलिस थाने में 13 जून, 2020 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

जानकारी मुताबिक भाटिया ने अपनी शिकायत में 13 नाम लिए थे और उन पर अवैध रूप से निविदा प्रदान करने और प्राप्त करने में लिप्त होने का आरोप लगाया था। हालांकि सेन की भूमिका इस मामले की जांच के दौरान सामने आई थी। सेन अब एक निलंबित पुलिस उप महानिरीक्षक हैं। जांच में यह भी बात कथित तौर पर सामने आई कि सेन ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पशुपालन विभाग की एक निविदा एक अयोग्य व्यक्ति को आवंटित करने के लिए अपने बैंक खाते में 10 लाख रुपए की रिश्वत प्राप्त की थी।

बता दें कि सेन लंबे समय से गिरफ्तारी से बचते रहे इसलिए विशेष न्यायाधीश गुप्ता ने उन्हें एक भगोड़ा घोषित किया। इसके बाद सेन ने अग्रिम जमानत के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ का रुख किया, लेकिन उन्हें अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत नहीं दी। अदालत ने उन्हें अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया जिसके बाद वह आत्मसमर्पण करने के लिए कुछ समय लेने के लिए सोमवार को भ्रष्टाचार निरोधक अदालत पहुंचे और कहा कि वह अस्वस्थ हैं। निचली अदालत ने उन्हें आत्मसमर्पण के लिए 27 जनवरी तक का समय दिया। सेन ने बुधवार को अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया जिसने उन्हें 14 दिन के लिए जिला जेल भेज दिया।

Anil Kapoor