स्वामी चिन्मयानंद को बलात्कार के एक मामले में अंतरिम अग्रिम जमानत मिली, UP सरकार से 4 सप्ताह में जवाब-तलब

punjabkesari.in Wednesday, Dec 21, 2022 - 11:14 PM (IST)

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बलात्कार के एक मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को सुनवाई की अगली तारीख तक अंतरिम अग्रिम जमानत दी है और पीड़ित एवं राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।

न्यायमूर्ति समित गोपाल ने सोमवार को स्वामी चिन्मयानंद के वकील अनूप त्रिवेदी की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया। त्रिवेदी ने दलील दी कि स्वामी चिन्मयानंद की आयु 75 वर्ष है और उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है। उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह कई मेडिकल एवं शैक्षणिक संस्थान चला रहे हैं। इस याचिका से पहले भी अदालत ने याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी। अपर महाधिवक्ता एम. सी. चतुर्वेदी और अपर शासकीय अधिवक्ता एके संड ने राज्य सरकार की ओर से इस जमानत याचिका का विरोध किया।

याचिकाकर्ता पर आरोप है कि उसने 2011 में पीड़िता को अपने आश्रम में बंधक बनाकर रखा और उसके साथ बलात्कार किया। इसके बाद पीड़िता और उसके परिवार ने शाहजहांपुर के कोतवाली पुलिस थाना में चिन्मयानंद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 313, 342, 323, 376 और 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई। बाद में, भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और 506 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया। नौ मार्च, 2018 को राज्य सरकार ने चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज दुर्व्यवहार के मामले को वापस लेते हुए एक आदेश जारी किया था। इस संबंध में शाहजहांपुर की अदालत में एक आवेदन किया गया था। हालांकि अदालत द्वारा यह आवेदन खारिज कर दिया गया था।

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Mamta Yadav