स्वामी प्रसाद मौर्य ने किया प्रेस कांफ्रेंस, कहा- मैं दलित व पिछड़ा इसलिए मुझे जान से मारने की धमकी दिया जा रहा

punjabkesari.in Monday, Feb 06, 2023 - 12:43 PM (IST)

लखनऊ (अश्वनी कुमार सिंह) : रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर दिए गए विवादित बयान (disputed statement) के बाद आज पहली बार सपा के राष्ट्रीय महासचिव (National secretary General) स्वामी प्रसाद मौर्य ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस किया। मौर्य ने अपने कॉन्फ्रेंस की शुरुआत राष्ट्रीय संघ सेवक (national union servant) के प्रमुख मोहन भागवत के जाती व्यवस्था को लेकर दिए गए बयान से शुरू किया। उन्होंने कहा कि संघ प्रमुख के बयान से साफ हो गया है कि हिंदू धर्म में जो गोरखधंधा (gorakh dhanda) सालों से चला आ रहा है। अब उसके अंत का समय आ गया हैं। हिंदू धर्म के कई संतों व शुभचिंतकों ने इसका विरोध कर समाज में हर व्यक्ति के लिए समानता की बात कहा है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना सााधा।  

RSS प्रमुख के बयान ने सब साफ कर दिया
समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रेस कांफ्रेंस की शुरुआत करते हुए कहा कि RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान से साफ हो गया है कि हिंदू धर्म में सालों से गोरखधंधा चला आ रहा है। अब उसके अंत का समय आ गया हैं। भारत के कई संतो व शुभचिंतकों ने जाति व्यवस्था का विरोध कर समानता की बात कही हैं। इतिहास में कई बार जात-पात, छूआछूत के खिलाफ अभियान भी चलाए गए। जिससे लोगों की जिंदगी आसान बन सकें। अगर हिंदू धर्म के लोग चाहते है कि उनका धर्म सुरक्षित व संरक्षित रहे तो बुराइयों को दूर करने के लिए धर्माचार्य स्वयं आगे आए।

रामचरितमानस से विवादित बयान हटाया जाए
स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस का नाम लिए बगैर कहा कि अगर देश के किसी पाठ्य पुस्तक, किसी साहित्य में जाति सूचक शब्द (slang words) का प्रयोग कर समाज के 97 प्रतिशत लोगों को नीच कहा गया हो, महिलाओं को नीच में भी नीच बताया गया हो, ऐसे शब्दों को तुरंत उस पुस्तक से बाहर कर देना चाहिए। जिससे कि आगे कभी भी किसी प्रकार का विवाद न हो। हमारे देश का संविधान (Constitution) किसी के साथ भेदभाव की इजाजत (permission) नहीं देता हैं।

मैं दलित व पिछड़ा इसलिए मुझे जान से मारने की धमकी दी गई
प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों ने जब उनसे उन्हें जान से मारने की धमकी देने वालों पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि हमारी आपत्ति के हिसाब से उस विवादित अंश को निकालने के बजाय समाज के कुछ संत मेरा सर काटने की बात करने लगें। मैं दलित व पिछड़ी (dalit and backward) जाति का हूं इसलिए मेरा सिर काटने कि बात कही गई है। क्या संघ प्रमुख के बयान के बाद ये लोग उनका भी सर, नाक, कान व जीभ को काटने बात कहेंगे। मेरे बयान के बाद धर्म की बात करने वालों की चूलें हिल गई है। ऐसे लोगो को लगा गया है कि एक बड़ी आबादी कहीं और ना चली जाए।

PM मोदी के पार्टी वाले उन्हें नीच कहते है
स्वामी प्रसाद मौर्य ने BJP पर निशाना साधते हुए कहा कि PM मोदी जो खुद पिछड़े समाज से आते है। वह भी सार्वजनिक (Public) तौर पर कह चुके है कि पार्टी के भीतर उन्हे नीच कहा जाता है। जब ऐसी शख्सियत को नीच कहा जाता है तो सोचिए बाकी दबे कुचले लोगों का क्या हाल होता होगा। अब भागवत जी, मोदी जी और तोगड़िया जी इस मामले पर बैठकर जातिगत टिप्पणी को निकालने का विचार करें।

मेरी हत्या की सुपारी देने वाले पर FIR क्यों नहीं
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जब पत्रकारों ने स्वामी प्रसाद मौर्य से रामचरितमानस की प्रतियां जलाने वाले लोगों के खिलाफ NSA लगाने पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि रोज रोज मेरी हत्या करने के फरमान जारी हो रहे है। उस पर तो मुकदमा दर्ज नहीं होता है। अगर CM योगी FIR के इतने ही शौकीन है तो ऐसे लोगों के खिलाफ केस क्यों नहीं दर्ज कराते हैं। मैं पिछड़े समाज का हूं इसलिए मेरा समर्थन करने पर लोगों के साथ ऐसा किया जा रहा है।

Content Editor

Prashant Tiwari