स्वामी प्रसाद मौर्य विक्ष्पित आदमी हैं, उसके बयान पर अपना स्टैंड क्लियर करें सपा- भूपेंद्र चौधरी
punjabkesari.in Monday, Jan 23, 2023 - 04:12 PM (IST)

मुरादाबाद (मुज्जमिल दानिश) : MLC चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के मुरादाबाद मंडल से प्रत्याशी विजयपाल सिंह के समर्थन में प्रचार करने के लिए आए BJP प्रदेश अध्यक्ष ने प्रेस वार्ता के दौरान मीडिया से बात करते हुए मुरादाबाद व बरेली मंडल से पार्टी प्रत्याशी के जीतने का दावा किया। इसके साथ ही पत्रकारों ने जब प्रदेश अध्यक्ष से सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस वाले बयान पर सवाल किया तो प्रदेश अध्यक्ष ने सपा पर जोरदार हमला बोलते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य को विक्ष्पित आदमी बताया और कहा कि समाजवादी पार्टी अपने नेता के बयान पर सफाई दें वरना हम लोग समझेंगे की यह सपा का बयान हैं।
सपा अपना स्टैंड क्लियर करें
BJP प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला बोलते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे लोग विक्ष्पित है और समाजवादी पार्टी बताएं कि यह बयान अखिलेश यादव जी और सपा के है या उनके पार्टी के नेता के निजी विचार हैं। सपा इस बयान पर अपना स्टैंड क्लियर करें ।
सपा हमेशा देश विरोधी लोगों के साथ खड़ी रही
वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य के बहाने भूपेंद्र चौधरी ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि समाजवादी पार्टी हमेशा देश विरोधी लोगों के साथ खड़ी रही है। चाहे अयोध्या में भगवान श्री राम के जन्म स्थान पर कार सेवको पर गोली चलवाना हो, या हमारे जो धर्मिक मठ मंदिर है उन पर आतंकवादी हमले करने वाले आतंकवादियों के पक्ष में खड़ा होना हो। इसके साथ ही आतंकवादियों के मुकदमे वापस लेना हो यह साफ दिखाता है कि सपा किस हद तक हिंदुओं का अपमान करती आई हैं। ये तो देश की न्यायपालिका की देन है जिसके कारण वो आतंकवादियों के मुकदमे वापस नहीं ले पाए। सपा सरकार ने हमेशा धर्मिक, त्यौहार और यात्राएं प्रतिबंधित करने का काम किया हैं। सपा सरकार ने किया है ये उनका इतिहास है।
रामचरितमानस को पूरी तरह से बैन करना चाहिए
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि रामचरितमानस को पूरी तरह से बैन करना चाहिए। उसमें सब बकवास है। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस के कुछ हिस्सों से मुझे आपत्ति है। रामचरितमानस में तुलसीदास ने क्षुद्रों का अपमान किया है। ऐसे में धर्म का नाश हो। जिस दकियानूसी सा जीवीहित्य में पिछड़ों और दलितों को गाली दी गई हो उसे प्रतिबंधित होना चाहिए। अगर सरकार तुलसीदास की रामायण को प्रतिबंधित नहीं कर सकती तो उन शोलोक को रामायण से निकालना चाहिए। जिसमें 52% आबादी वाली जनसंख्या के बारे में गलत बातें लिखी गई हैं।