​स्वामी प्रसाद मौर्य ने राष्ट्रपति व PM को लिखा पत्र, रामचरितमानस की चौपाइयों को संशोधित करने की मांग

punjabkesari.in Wednesday, Feb 08, 2023 - 05:02 PM (IST)

​​लखनऊ (अश्वनी कुमार सिंह) : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य Swami Prasad Maurya ने आज रामचरितमानस Ramcharitmanas से चौपाइयों को संशोधित करने के लिए पत्र लिखा हैं। राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को भेजे गए अपने पत्र Letter को सोशल मीडिया पर अपलोड कर स्वामी प्रसाद मौर्य ने लिखा कि रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों के आपत्तिजनक अंश जिसमें समस्त महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को सामाजिक, धार्मिक स्तर पर नित्यप्रति अपमानित होना पड़ता है, को संशोधित/प्रतिबंधित करने एवं पीड़ित वर्ग को सम्मान दिलाने हेतु मैंने आज देश के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को पत्र लिखा हैं।

क्या कहा था स्वामी प्रसाद मौर्य ने
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक समाचार चैनल से बातचीत में तुलसीदास रचित रामचरित मानस को लेकर कई विवादित बातें कहीं थी। उन्होंने कहा था कि कई करोड़ लोग ऐसे हैं जो रामचरित मानस को नहीं पढ़ते हैं। सब बकवास है, जिसे तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। सरकार को संज्ञान में लेते हुए रामचरित मानस से उसके आपत्तिजनक अंश को बाहर कर देना चाहिए या फिर इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म में किसी को गाली देने का कोई अधिकार नहीं है। तुलसीदास की रामायण की एक चौपाई है, जिसमें वह शूद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं। ब्राह्मण भले ही लंपट, दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन उसे पूजनीय बताया है लेकिन शूद्र ज्ञानी, विद्वान हो फिर भी उसका सम्मान मत करिए। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अगर यही धर्म है तो ऐसे धर्म को मैं नमस्कार करता हूं, ऐसे धर्म का सत्यानाश हो, जो हमारा सत्यानाश चाहता हो।

बयान के बाद हुई जमकर राजनीति
सपा नेता के बयान के बाद केंद्र व राज्य की सत्ता पर काबीज भारतीय जनता पार्टी ने इसे हिंदुओं का अपमान बताकर चौतरफा हमला बोला था। सरकार के मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बहाने सपा पर जमकर निशाना साधा खुद मुख्यमंत्री ने कहा था कि जिसे भाषा का ज्ञान न हो उसे चौपाई का अर्थ बताने का कोई फायदा नहीं हैं। वहीं सपा ने भी इस मुद्दे पप पहले तो किनारी किया लेकिन फिर अपने नेता के समर्थन में पूरी तरह से उतरकर उनके बयान को सही ठहराना शुरु कर दिया। खुद सपा प्रमुख ने कहा था कि वो सदन में मुख्यमंत्री से पूछेंगे कि वह शूद्र है कि नहीं। 

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Prashant Tiwari