Lok Sabha elections 2019: डालिए एक नजर बदायूं लोकसभा सीट पर

punjabkesari.in Monday, Apr 22, 2019 - 06:45 PM (IST)

बदायूं: लोकसभा सीट को समाजवादी पार्टी की सबसे सेफ सीट माना जाता है। क्यों कि 1998 के बाद से लगातार ये सीट सपा के पास ही रही। लहर कोई सी भी हो लेकिन यहां 1998 के बाद से सपा के ही सांसद रहे। वर्तमान में यहां से धर्मेंद्र यादव सांसद हैं..इससे पहले 2009 में भी धर्मेंद्र ने ही इस सीट पर कब्जा किया था। अगर बात करें इस सीट के इतिहास कि तो आज़ादी के बाद 1952 और 1957 के चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट से जीत हासिल कि। लेकिन 1962 और 1967 में भारतीय जनसंघ ने इस सीट पर कब्जा किया। लेकिन 1971 में कांग्रेस ने इस सीट पर वापसी कि..फिर 1977 के चुनाव में बीएलडी ने चुनाव जीता। इसके बाद 1980 और 1984 के चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर वापसी की।

1989 के चुनाव में जनता दल के शरद यादव ने इस सीट पर जीत हासिल कि 1991 में हुए आम चुनाव में बीजेपी के चिन्मया नंद ने इस सीट को बीजेपी के खाते में डाला लेकिन ये जीत बहुत ज्यादा देर कर नहीं रही। 1996 में हुए चुनाव में समाजवादी पार्टी के सलीम इकाबल ने इस सीट पर जीत हासिल कर इसे सपा के खाते में डाला। उसके बाद से ये सीट सपा का अभेद्द किला बना हुआ है। सलीम इकबाल यहां से लगातार 4 बार सांसद रहे। 1996, 1998, 1999 और 2004 तक सलीम यहां से सांसद रहे। उसके बाद इस सीट पर समाजवादी पार्टी के घराने से धर्मेंद्र ने चुनाव लड़ा और 2 बार से सांसद हैं।

बदायूं के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें

बात करें इस लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा सीटों कि संख्या 5 है।जिनमें 4 सीटें बदायूं जिले की हैं।और एक सीट संभल जिले की है।बदायूं जिले की बिसौली, सहसवान , बिल्सी और बदायूं विधानसभा सीटें हैं...जबकि संभल जिले कि गुन्नौर विधानसभा सीट है।

2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बदायूं, बिसौली, बिल्सी और बदायूं सीट पर जीत हासिल की थी, जबकि समाजवादी पार्टी के खाते में केवल सहसवान सीट ही आ पाई।

जानिए बदायूं से कितने मतदाता करेंगे मत का प्रयोग

बात करें मतदाताओं कि तो इस बदायूं सीट पर कुल 18 लाख 81 हज़ार 754 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 10 लाख 22 हज़ार 99 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या 8 लाख 59 हज़ार 552 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 103 है।

एक नजर 2014 के लोकसभा चुनाव पर

बदायूं लोकसभा सीट पर 2014 में हुए चुनाव पर नज़र डालें तो इस सीट पर धर्मेंद्र यादव ने मोदी लहर में भी कब्जा जमाया था।धर्मेंद्र यादव ने बीजेपी के वगीश पाठक को हराया था। धर्मेंद्र को कुल 4 लाख 98 हज़ार 378 वोट मिले थे। वहीं बीजेपी के वगीश पाठक को 3 लाख 32 हज़ार 31 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बसपा के अकमल खान थे। कमल को कुल 1 लाख 56 हज़ार 973 वोट मिले थे।

एक नजर 2009 के लोकसभा चुनाव पर

2009 में बदायूं सीट पर सपा परिवार से धर्मेंद्र यादव की एंट्री कराई गई...क्यों कि यह सेफ सीट थी...धर्मेंद्र यादव ने इस चुनाव में बसपा के धरम यादव को हराया था। धर्मेंद्र यादव को 2 लाख 33 हज़ार 744 वोट मिले थे, जबकि बसपा के धरम यादव को 2 लाख 1 हज़ार 202 वोट मिले थे..जबकि यहां से लगातार 4 बार सपा से सांसद रहे सलीम इकबाल शेरवानी ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और सलीम इकबाल तीसरे नंबर पर रहे सलीम को कुल 1 लाख 93 हज़ार 834 वोट मिले।

एक नजर 2004 के लोकसभा चुनाव पर

बात करें 2004 लोकसभा में हुए चुनाव कि तो इस सीट पर 1996 से लगातार अजेय रहे सलीम इकबाल शेरवानी ने चौथी बार इस सीट पर जीत हासिल की। शेरवानी ने बीजेपी के बृजपाल सिंह शाक्य को हराया था। सलीम इकबाल को इस चुनाव में 2 लाख 65 हज़ार 713 वोट मिले थे। वहीं बीजेपी के बृजपाल सिंह शाक्य को 2 लाख 14 हज़ार 391 वोट मिले थे, जबकि तीसरे नंबर पर रहे बसपा के प्रेमपाल सिंह यादव को 75 हज़ार 886 वोट मिले थे।

Tamanna Bhardwaj