रिश्वत लेते बाबू का वीडियो हुआ वायरल, अधिकारियों की बढ़ी परेशानी

punjabkesari.in Thursday, May 24, 2018 - 10:57 AM (IST)

मथुरा: अभी ए.डी.एम. के स्टैनो के साथ मारपीट का मामला सुलझा नहीं कि सदर तहसील में तैनात एक बाबू का रिश्वत लेते हुए वीडियो वारयल हो गया। इस वीडियो में सदर तहसील में तैनात बाबू इसी कार्यालय में तैनात एक प्राइवेट कर्मचारी के साथ फाइल को आगे बढ़ाने के लिए रिश्वत के 2000 रुपए के लिए उलझ रहा है। वीडियो में यह बाबू रिश्वत के पैसे लेते हुए भी दिख रहा है। इस वीडियो के वायरल होने से प्रशासनिक अधिकारियों की परेशानी और बढ़ गई है। कलैक्ट्रेट स्थित सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार को लेकर तकरार लगातार बढ़ती जा रही है। कलैक्ट्रेट कर्मियों ने डी.एम. के आश्वासन पर मारपीट के आरोपी अधिवक्ताओं की गिरफ्तारी के लिए 72 घंटे के आश्वासन के साथ कई दिन से चली आ रही हड़ताल और आंदोलन को वापस ले लिया है।

दूसरी ओर अधिवक्ता भी लामबंद हैं, अधिवक्ताओं ने डी.एम. आवास के सामने प्रदर्शन किया और ऐलान कर दिया कि जब तक सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लगती तब तक इस तरह की मारपीट की घटनाएं होती रहेंगी। जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने हड़ताली कलैक्ट्रेट कर्मचारियों को धरनास्थल पर पहुंच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद कर्मचारियों ने 72 घंटे के लिए आंदोलन कर स्थगित कर दिया। कर्मचारी काम पर लौट आए और बुधवार को सभी विभागों में सामान्य कामकाज हुआ।

यह है घटनाक्रम
ए.डी.एम. के स्टैनो संदीप शुक्रवार को दोपहर बाद करीब तीन बजे कोर्ट में फाइलों को व्यवस्थित कर रहे थे। संदीप ने थाना सदर बाजार में दर्ज रिपोर्ट में कहा कि इसी दौरान प्रतिवादी साहब सिंह पक्ष के अधिवक्ता सुरेशचंद शर्मा, हरीशचंद भारद्वाज, भूपेंद्र चौहान के साथ आए और कहा कि तुमने न्यायालय का आदेश बदल दिया है। इस पर संदीप ने सफाई दी कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया।

इस बीच अधिवक्ताओं ने फोन कर साथी अधिवक्ताओं को भी बुला लिया और न्यायालय की पत्रावलियों को फैंक कर संदीप को मेज पर गिरा कर लात घूंसों से मारने लगे इस बीच करीब 50 अधिवक्ता और आ गए, संदीप ने इनमें से नामजद 4 अधिवक्तों को पहचान लिया था, संदीप ने कहा कि मेरा गला दबाते हुए और घसीटते हुए सड़क पर ले जा रहे थे, स्टाफ के प्रभात बाबू, महेंद्र बाबू, माहेश्वरी, वीरेंद्र बाबू, नरेंद्र शर्मा आदि कई लोग कक्ष में आ गए। इन्होंने वकीलों से संदीप को छुड़ा लिया।

Anil Kapoor