KBC में 50 लाख रुपए जीते तेज बहादुर ने गरीबी को दी मात, बताई दर्द भरी दास्तां

punjabkesari.in Thursday, Dec 03, 2020 - 07:01 PM (IST)

लखनऊ: कहते है जहां चाह है वहां राह है। कौन बनेगा करोड़पति में 50 लाख रुपए जीत कर तेज बहादुर सिंह यह साबित कर दिया है कि हमेशा परेशानियों का रोना नहीं रोना चाहिए बल्कि उसका डट कर मुकाबला करना चाहिए।  तेजबहादुर की दर्द भरी कहानी सुनेंगे तो आप भी हैरान रह जाएगे। परंतु उन्होंने वह कर दिखाए जहां से लोग थककर निराश हो जाते है और भग्या को कोसते है।

बता दें कि बरेली के बहेड़ी क्षेत्र के गांव वसुधरन निवासी किसान के बेटे तेज बहादुर ने बताया कि बरसात होने पर उसके घर में पानी भर जाता है। परिवार को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। कोविड-19 के कारण पिता की प्राइवेट नौकरी चली गई।  पैसों के अभाव में मां के कुंडल गिरवीं रख कर पढ़ाई की।  उन्होंने बताया तंगहाली और गरीबी से उबरने के लिए उसने शिक्षा को सबसे बड़ा जरिया बनाया। इसके बाद तेज बहादुर ने और ज्यादा मेहनत करना शुरू कर दी। पढ़ाई के लिए पैसे की कमी आई तो उसने खेतो में जाकर मजदूरी भी की। जब वह थक जाता था तो पेनकिलर खाकर अपनी पढ़ाई करता था।

वहीं जब पंजाब केसरी टीबी ने तेज बहादुर सिंह बात की 50 लाख रुपए जीत कर आप क्या करेंगे तो उन्होंने भावुक होकर कहा कि पहले घर बनाएगे जिस जिसस घर में रहते है। फिर उन्होंने बताया कि जो मां के गहने गिरवीं रखे हैं उसे छुड़वाएगे। बाकी पैसों को भाई की पढाई में खर्च करेंंगे।

उन्होंने बताया कि मई से उसने केबीसी में जाने की तैयारी शुरू कर दी और टीवी पर दिखाए जाने वाले सवालों के जवाब देने पर उसके पास केबीसी से फोन आया। फोन पर उससे तीन सवाल पूछे गए और सही जवाब देने के बाद 6 हजार लोगों में उसे चुन लिया गया। सोनी लिव इन पर उसका ऑडिशन हुआ। फिर वीडियो कॉल के जरिए छह सवाल पूछे गए और परिवार की स्थिति के बारे में पूछा गया।

सही जवाब देने के बाद 20-20 सवालों के टेस्ट लिए गए। इसके बाद उसे कॉल आई कि उसे मुंबई आना है। केबीसी से ही उसका टिकट और रहने व खाने-पीने की सुविधा उपलब्ध करा दी गई। तेज बहादुर का कहना है कि उसके मकान में बिजली का कनेक्शन तक नही है और बिजली के लिए पिता ने सोलर पैनल लगा रखा है। उसका सपना आईपीएस बनना है और आईपीएस बनने के बाद गांव में इंटर कॉलेज का निर्माण कराना है ताकि तंगी के चलते कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न होने पाए।
 

Ramkesh