राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से कोसो दूर रहे बलरामपुर के माथे पर आतंकी यूसुफ ने लगाया बदनुमा दाग

punjabkesari.in Thursday, Aug 27, 2020 - 12:19 PM (IST)

बलरामपुर: नेपाल सीमा से सटे उत्तर प्रदेश का बलरामपुर अपने राजनीतिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियों के चलते राष्ट्रीय क्षितिज पर ऊचा मुकाम रखता है। लेकिन पिछले दिनों दिल्ली मे गिरफ्तार स्थानीय निवासी आतंकी अबू यूसुफ उर्फ मुस्तकीम की करतूतों ने जिले के माथे पर एक बदनुमा दाग लगा दिया है जिसे लेकर यहाँ हर कोई शर्मसार नजर आ रहा है।

बीते शुक्रवार को दिल्ली में गिरफ्तार आतंकी अबू यूसुफ से पूछताछ के बाद खुलासा हुआ कि वह उतरौला तहसील के बढ़या भैसाही गाँव का रहने वाला है। गिरफ्तार आतंकी का जिले का होने की खबर होते ही लोग दहशत में आ गये। घटना के छह दिन बीत जाने के बाद भी लोगों में इस बात का मलाल है कि आतंकी ने जिले के माथे पर एक बदनुमा दाग लगा दिया है। राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से कोसों दूर बलरामपुर जिला अबू यूसुफ उर्फ मुस्तकीम के कृत्य से शर्मसार हुआ है। राजनीति के क्षेत्र में बलरामपुर जिले को राष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है। भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी ने पहला चुनाव इसी संसदीय क्षेत्र से जीता था। इस कारण से बलरामपुर को स्वर्गीय बाजपेयी की कर्म स्थली के तौर पर भी जाना जाता है।

वरिष्ठ समाजसेवी नानाजी देशमुख और कांग्रेस की सुभद्रा जोशी को भी यहाँ की जनता ने चुनकर लोकसभा तक पहुंचाया है। साहित्य के क्षेत्र मे भी इस जिले को राष्ट्रीय ही नहीं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली हुई है। यहां जन्मे मशहूर शायर अली सरदार जाफरी को देश के सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ हासिल हो चुका है। वहीं पद्मश्री बेकल उत्साही जैसी शख्सियत ने जन्म लेकर जिले का मान बढ़ाया है। देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न, देश के सबसे बडे साहित्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ और पद्मश्री पुरस्कार इस जिले को हासिल हो चुका है। साँस्कृतिक गतिविधियो में भी यह जिला अव्वल रहा है। छोटी काशी के नाम से विख्यात बलरामपुर में आज भी सभी त्योहार हिन्दु मुस्लिम मिल कर एक साथ मनाते हैं। जिले की दो रियासते बलरामपुर और उतरौला का योगदान सामाजिक सौहार्द के तौर पर आज भी अतुल्यनीय है। होली, दीपावली, दशहरा से लेकर ईद और मोहर्रम के मौकों पर आज भी हिन्दू मुसलमान बराबर शरीक होकर सामाजिक सौहार्द के मशाल को जलाए हुए हैं। उतरौला कोतवाली क्षेत्र के बढ़या भैसाही गाँव निवासी अबू यूसुफ उर्फ मुस्तकीम के करतूतों ने जिले की सदियों पुरानी राजनीतिक, सामाजिक और साँस्कृतिक तानेबाने को चकनाचूर कर रखा दिया है।

बीते दिनों आतंकवादी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार उसकी करतूतों पर उसकी पत्नी आयशा ने खुद मोहर लगा दी है। पत्नी आयशा ने बताया कि उसने बच्चों के भविष्य का हवाला देकर कई बार मुस्तकीम को गलत काम से तौबा कर लेने की नसीहत दी थी लेकिन उसका जुनून पत्नी, छोटे-छोटे बच्चों और बूढ़े बाप का बुढ़ापा भी उसे आतंक की राह पर चलने से नहीं रोक सका। तब से यह जिला सुर्खियों में है। जिले मे हर कोई खौफजदा है।

वरिष्ठ अधिवक्ता शिवरतन लाल एडवोकेट कहते है कि यह जिले में अब तक की पहली घटना है। जिसके चलते इस जिले का नाम आतंकवादी गतिविधियो में शामिल रहने वालो में शरीक हो गया है। बलरामपुर जिले का इतिहास हमे सौहार्द और भाई चारे का संदेश देता आ रहा है। लेकिन इस जिले को आखिर किसकी नजर लग गई है? यूसूफ की गिरफ्तारी के बाद बढ़या भैसाही गाँव मे मीडिया का आवागमन बढ़ गया है। हजारों की आबादी वाले इस गाँव में शायद ही कोई हो जो इस पूरे मामले पर कुछ कहता मिले। आतंकी के पिता से लेकर हर कोई बस यही कह रहा है कि मुस्तकीम की करतूत ने उसकी मिट्टी को शर्मसार कर रख दिया है।


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Umakant yadav

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