राम भक्तों के प्रति द्वेष रखने वाले समाजवादी पार्टी का चरित्र स्पष्ट हो गया- उमा भारती

punjabkesari.in Monday, Feb 06, 2023 - 05:33 PM (IST)

हमीरपुर (रविन्द्र सिंह) : समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का रामचरितमानस को लेकर दिए गए बयान पर राजनीति रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। सोमवार को हमीरपुर के चित्रगुप्त इंटर कॉलेज राठ में आयोजित छात्र शंखनाद सम्मेलन (student conclave) में शामिल होने के लिए पहुंची मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा की फायर ब्रांड नेता उमा भारती (Uma Bharti) ने मौर्य के साथ ही समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि स्वामी के प्रसंग से राम भक्तों (Ram Bhakts) के प्रति द्वेष (Grudge) रखने वाले समाजवादी पार्टी का चरित्र साबित हो गया। वहीं उन्होंने आवारा पशुओं को लेकर कहा कि गौ पालन (cow rearing) करना सरकार का काम नहीं है, यह समाज का काम हैं।

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TRP के लिए यह सब कर रहे मौर्य
पत्रकारों ने जब उमा भारती से स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि वो तो बेचारे हमारे यहां से गए लेकिन वहां जाकर चुनाव हार गए। अब मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए अपनी TRP बढ़ाने के लिए वह ऐसे फालतू के बयान दे रहे हैं। उनके इस प्रकार के बयान देने से समाज में किसी को फर्क नहीं पड़ने वाला हैं। हा इसी बहाने समाजवादी पार्टी का राम विरोधी चेहरा एक बार फिर से सबके सामने उजागर ( Expose) हो गया।

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राम भक्तों के प्रति द्वेष रखती है सपा
पत्रकारों से बातचीत के दौरान उमा भारती ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बाद सपा का उनके समर्थन में इस प्रकार से उतरना यह साबित करता हैं कि वह राम विरोधी हैं। इनकी पूर्व की सरकार ने कारसेवकों की हत्या करवाई थी, उन पर गोलियां चलवाई थी और कहा था कि बाबरी मस्जिद के पास परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा। सपा का हमेशा से राम विरोधी चरित्र रहा है। समाजवादी पार्टी हमेशा से राम व राम भक्तों के प्रति द्वेष का भाव रखती हैं।

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आवारा पशु सरकार की समस्या नहीं
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री से जब पत्रकारों ने बुंदेलखंड में आवारा पशुओं की समस्या को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि आवारा पशुओं के संरक्षण, संवर्धन, पालन सरकार की जिम्मेदारी नहीं हैं। समाज के लोगों को खुद से पहल करना होगा और गौ पालन की जिम्मेदारी उठानी होगी। सरकार उनके लिए गौचर की व्यवस्था करने के साथ ही  ग्वालों के लिए पंचायती राज निधि में धन की व्यवस्था करें। किसान पांरपरिक खेती के तरफ अगर लौट जाए तो इस समस्या का समाधान हो सकता है। इससे दो लाभ होगा पहला कि आवारा पशुओं की समस्या समाप्त हो जाएगी और दूसरा यह कि वह और उसका परिवार कम बिमार पड़ेगा। 


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Content Editor

Prashant Tiwari

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