घंटों तड़पता रहा घायल दारोगा, ड्यूटी खत्म होने का हवाला देते हुए डॉक्टर ने नहीं ली सुध

punjabkesari.in Friday, Jun 29, 2018 - 01:22 PM (IST)

हरदोईः उत्तर प्रदेश सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने के दावे करे, लेकिन हरदोई जिले के मार्ग दुर्घटना में घायल एक दारोगा के इलाज में जिस तरह से जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों ने संवेदनहीनता दिखाई है। उन तस्वीरों ने स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने के दावों की पोल खोलकर रख दी है। दरअसल घायल दारोगा स्ट्रेचर पर डॉक्टर के इंतजार में तड़पता रहा, लेकिन घर जाने की जल्दी में इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर ने मरीज को देखने की बजाए प्राइवेट मेडिकोलीगल करने में लगे रहा। यहां तक की घायल दारोगा को लखनऊ भेजने के लिए एंबुलेंस तक अस्पताल प्रशासन ने उपलब्ध नहीं कराई। 

जानकारी के मुताबिक बिलग्राम कोतवाली में तैनात दारोगा चंद्रभान तिवारी मार्ग दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गए। जिसके बाद उन्हें उपचार के लिए जिला चिकित्सालय लाया गया। जिस समय दारोगा को उपचार के लिए लाया गया इमरजेंसी ड्यूटी पर अस्पताल के सर्जन डॉक्टर अशोक प्रियदर्शी मौजूद थे। घायल दारोगा के साथ आया सिपाही डॉक्टर से घायल को देखने का अनुरोध करता रहा, लेकिन डॉक्टर की इमरजेंसी में ड्यूटी खत्म होने को थी इसलिए इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर घायल दारोगा को देखने की बजाय एक प्राइवेट मेडिकोलीगल करने में जुटे रहे। 

अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का आलम यह था कि घायल दारोगा को लखनऊ भेजने के लिए एंबुलेंस तक नहीं मिल सकी। अस्पताल की लापरवाही देखकर सिपाही ने जब अपने इंस्पेंक्टर को पूरा वाक्या बताया तो इस्पेंक्टर बिलग्राम सत्येंद्र सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को जमकर खरी खोटी सुनाते हुए खड़ी एक सरकारी एंबुलेंस से दारोगा को उपचार के लिए लखनऊ भेजा। फिलहाल अस्पताल की इमरजेंसी में आए दुसरे डॉक्टर पूरे मामले का गोलमोल जबाब दे रहे हैं। 

Ruby