दूसरों के घरों को जगमग करने वाले कुम्हारों पर छाया विपन्नता का अंधेरा

punjabkesari.in Friday, Nov 13, 2020 - 02:25 PM (IST)

प्रयागराजः दीपावली पर्व पर दूसरों के घरों में ज्ञान का दीपक और समृद्धी का प्रकाश फैलाने वाले कुम्हारों की विडम्बना है कि उनके घर अज्ञानता और विपन्नता का अंधेरा सदियों से कायम है। दीपावली पर हर व्यक्ति अपने घर लक्ष्मी आगमन की कामना करता है। दीपावली वह मौका होता है जब दीपकों की रौशनी में लोग मां लक्ष्मी और गणेश का पूजन कर उनसे सुख-समृद्धि की कामना करते हैं, लेकिन दिवाली पर जलने वाले दियों से लेकर लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों को बनाने वाले कुम्हारों के यहां लक्ष्मी का आशीर्वाद नहीं मिलता। उनके घर विन्नता और अंधेरा ही कायम रहता है।

कुम्हारों का कहना है कि कुम्हार की चाक मिट्टी आज अपना ही वजूद तलाश रही है। कड़ी मेहनत से मिट्टी के दीपक, खिलौना और बर्तन बनाने वालों को खरीददार के लिए भी रोना पड़ रहा है। एक दौर था जब कुम्हार दीपावली का बेसब्री से इंतजार करते थे। उस समय मिट्टी के दीपकों की बहुत मांग थी और बाजारों में खरीददारों की बड़ी भीड़ हुआ करती थी। पहले जिन गांवों में कुम्हारों की भरमार होती थी, वहां भी अब बहुत कम कुम्हार रह गए हैं।

Tamanna Bhardwaj