लड़कियों के विवाह की उम्र 21 साल करने के फैसले से कुछ लोगों को तकलीफ हो रही है: मोदी

punjabkesari.in Tuesday, Dec 21, 2021 - 04:55 PM (IST)

प्रयागराज: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर कटाक्ष करते हुए मंगलवार को कहा कि महिलाएं शादी की उम्र 21 साल करने संबंधी सरकार के फैसले से खुश हैं, लेकिन इससे कुछ लोगों को तकलीफ हो रही है। मोदी ने यहां महिला सशक्तिकरण विषय पर आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दिए गए 30 लाख घरों में से 25 लाख उत्तर प्रदेश में महिलाओं के नाम पर पंजीकृत हैं।

उन्होंने कहा कि यह "महिलाओं के सच्चे सशक्तिकरण" के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘कन्याओं को आगे पढ़ने और बढ़ने के लिए अवसर मिले, इसलिए केंद्र ने उनके विवाह की आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने का प्रयास किया,  लेकिन किसको इससे तकलीफ हो रही है, यह सब देख रहे हैं।''  मोदी ने राज्य की पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘पांच साल पहले राज्य की सत्ता में ‘गुंडों' की हनक हुआ करती थी, लेकिन मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने उन गुंडों को उनकी सही जगह पहुंचा दिया है।'' प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिला लाभार्थियों के खातों में हजारों करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पांच साल पहले राज्य में गुंडों से सबसे अधिक परेशान यहां की बहन बेटियां होती थीं। उन्हें सड़क पर निकलना मुश्किल हुआ करता था। स्कूल कॉलेज जाना मुश्किल था। थाने जाने पर अपराधी की सिफारिश में फोन आ जाता था।''

 

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बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक 2021, जो एक लड़की की आयु सीमा को 18 से बढ़ाकर 21 करने का प्रयास करता है, उसे आज लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के विरोध के बीच पेश किया गया। विधेयक सभी धर्मों में लड़कियों की शादी की उम्र में एकरूपता सुनिश्चित करता है, जो महिलाओं के साथ भेदभाव करने वाले किसी भी प्रथा और कानून को तोड़ता है: केंद्रीय मंत्री @smritiirani - Prasar Bharati News Services (@pbns_india) 21 Dec 2021

मोदी ने कहा, “मुस्लिम बहनों को अत्याचारों से बचाने के लिए ‘तीन तलाक' के खिलाफ कानून हमारी ही सरकार ने बनाया है। बिना किसी भेदभाव और पक्षपात के ‘डबल इंजन' की सरकार बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए निरंतर काम कर रही है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामित्व योजना के तहत देशभर के घरों की ड्रोन से तस्वीर लेकर घर के मालिक को संपत्ति के कागज दिये जा रहे है जिसमें घरों की महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि रोजगार के लिए भी महिलाओं को बराबर का भागीदार बनाया जा रहा है और मुद्रा योजना में मिले कुल ऋण में से लगभग 70 प्रतिशत ऋण महिलाओं को दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह वास्तव में राष्ट्रीय सहायता समूह है।

प्रधानमंत्री ने यहां 1,60,000 स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी दो लाख महिलाओं के खाते में 1,000 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की। साथ ही मुख्यमंत्री सुमंगला योजना के तहत एक लाख एक हजार लाभार्थियों के खाते में 20 करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित की गई। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेश के 45 जिलों के लिए 202 ‘टेक होम राशन संयंत्रों' का उद्घाटन भी किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन से पहले बीसी (बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट) सखियों, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और कन्या सुमंगला योजना की लाभार्थियों से बातचीत की। उन्होंने इस बातचीत का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हमारे यहां कहावत है कि जो प्रत्यक्ष है, उसे साबित करने के लिए प्रमाण की जरूरत नहीं है।''

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए जो काम हुआ है, वह पूरा देश देख रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सुमंगला योजना के कारण लिंग अनुपात बहुत सुधरा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘गरीब परिवारों में मातृत्व स्वास्थ्य चिंता का कारण रहा है। गर्भावस्था के दौरान महिलाएं अपने स्वास्थ्य का उचित ध्यान रख सकें, इसके लिए प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के खाते में 5,000 रुपये जमा किए जाते हैं। अभी तक दो करोड़ से अधिक बहनों को लगभग 10,000 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।''              

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय वाणिज्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल, साध्वी निरंजन ज्योति, प्रदेश के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, महेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, नंद गोपाल गुप्ता, स्वाति सिंह, सांसद रीता बहुगुणा जोशी, केशरी देवी पटेल, मथुरा की सांसद हेमा मालिनी आदि शामिल हुए।

 

Content Writer

Tamanna Bhardwaj