कांग्रेस को आज भी चुभती है रायबरेली में मिली हार, राजनारायण ने इंदिरा गांधी को दी थी करारी शिकस्त

punjabkesari.in Saturday, Apr 27, 2024 - 03:52 PM (IST)

रायबरेली: लोकसभा चुनाव चल रहा हो और बात रायबरेली संसदीय सीट की न हो एसा हो ही नहीं सकता। कांग्रेस के गढ़ रायबरेली को समझना इतना आसान नहीं है। यही वजह है कि अभी तक कांग्रेस की ओर से यहां पर प्रत्याशी नहीं घोषित किया जा सका है। इसकी वजह कहीं ना कहीं पूर्व में यहां पर हुए उठापटक और वर्तमान में सांसद बनने के बाद सोनिया गांधी की दूरी को भी देखा जा रहा है। इसके कारण पार्टी पूरी रणनीति के साथ मैदान में उतरना चाह रही है। कारण जो भी हो, लेकिन आज भी गांधी परिवार और कांग्रेस को 1977 में राजनारायण से मिली शिकस्त सालती है।

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी  55, 202 मतों से हार गई थीं चुनाव
जी हां,हम बात कर रहे है उस चुनाव कि जब एक अप्रत्याशित परिणाम सामने आया था। 1977 वह साल था जब पहली बार कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका लगा था। जीत का आश्वस्त हर किसी को जब पता चला कि लोकसभा चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की रायबरेली में हार का सामना करना पड़ा तो दांतों तले अंगुलियां दबाने को मजबूर हो गए। उन्हें 55,202 मतों से हार का सामना करना पड़ा था। इस चुनाव में इंदिरा गांधी को सिर्फ 1,22,517 मत मिले थे, जबकि विपक्ष में उतरे राजनारायण पर स्थानीय जनता ने विश्वास जताया। उन्होंने 1,77,719 मत हासिल किया। यही वजह रही कि अपने जीवन में इंदिरा गांधी ने लोकसभा चुनाव में सिर्फ एक बार हारीं वह भी अपने गढ़ से।

 


राजनारायण ने लगाया था धांधली का आरोप
ऐसी बात नहीं है कि राजनारायण और इंदिरा गांधी का कोई पहली बार चुनाव में मुकाबला हुआ था। 1971 के चुनाव में इसी रायबरेली में इंदिरा गांधी ने राजनारायण को भारी मतों से हरा दिया था। तब संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे राजनारायण को भरोसा था कि वे जीतेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। परिणाम देखकर उन्होंने कोर्ट का सहारा लिया। इसके बाद चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए राजनारायण ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। यहां पर इंदिरा जी के खिलाफ निर्णय आया।

1980 के चुनाव में जीत के बाद जिले से बनाई दूरी
1977 लोकसभा चुनाव में राजनारायण से मिली शिकस्त ने इंदिरा गांधी को पूरी तरह सबसे से झकझोर दिया था। इस चुनाव में कांग्रेस को आजादी के बाद करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। उस हार के महज तीन साल बाद ही 1980 में हुए चुनाव में जनता ने एक बार फिर कांग्रेस पर विश्वास जताया। इस चुनाव में रायबरेली की जनता ने इंदिरा गांधी को भारी मतों से जीत दिलाई थी। उन्हें 58.30 प्रतिशत वोट मिले थे। इसके बावजूद उन्होंने रायबरेली सीट से त्यागपत्र दे दिया था।

Content Writer

Ajay kumar