हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणीः, कहा-पुलिस का कर्तव्य सुरक्षा करना है न कि उत्पीड़न

punjabkesari.in Friday, Feb 09, 2024 - 05:17 PM (IST)

प्रयागराज; इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रतिष्ठित पदों पर नियुक्त अधिकारियों के द्वारा अपने पद और बल का दुरुपयोग करने पर चिंता जताते हुए कहा कि पीड़ितों की सुरक्षा करना पुलिस अधिकारियों का कर्तव्य है, लेकिन जब वह अपने पद का प्रयोग निर्बल की सुरक्षा के लिए ना करके उन्हें उत्पीड़ित करने के लिए करते हैं तो मामला गंभीर हो जाता है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की एकल पीठ ने अंशुल कुमार की याचिका को खारिज करते हुए पारित किया।



जांच के दौरान पीड़िता याची के संपर्क में आई
मामले के अनुसार पीड़िता का विवाह प्रशांत शर्मा नाम के एक व्यक्ति से हुआ था, जिससे उसने 2020 में तलाक ले लिया। इसके बाद कथित जीशान हाशिम नाम का एक व्यक्ति पीड़िता को परेशान करने लगा। जिसके खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत उसने प्राथमिकी दर्ज कराई। जांच के दौरान पीड़िता याची के संपर्क में आई। मालूम हो कि याची उक्त मामले में जांच अधिकारी था। याची ने शादी का झूठा वादा करके उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाया, जिसे दुष्कर्म के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।



बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को पांच वर्ष की कैद
बदायूं,:
चार वर्षीया बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट के न्यायाधीश दीपक यादव ने पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माना की आधी धनराशि पीड़ित पक्ष को देने का आदेश दिया गया है। वादी ने थाना वजीरगंज पुलिस को 16 जुलाई 2018 को तहरीर दी थी। जिसमें बताया कि 15 जुलाई 2018 को उनकी भतीजी गली में खेल रही थी। मोहल्ले का इकबाल आ गया। उनकी भतीजी को घर पर ले गया। जहां उसने गलत काम किया।

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Ajay kumar