हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ 80 दिन बाद भक्तों ने विश्वनाथ दरबार में लगाई हाजिरी

punjabkesari.in Tuesday, Jun 09, 2020 - 08:17 PM (IST)

वाराणसी ( काशीनाथ ): 21 मार्च से श्रद्धालुओं के लिए बंद किया गया श्री काशी विश्वनाथ मंदिर मंगलवार को मंगला आरती के बाद से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि मंदिर में जिला प्रशासन द्वारा दी गई लिस्ट के अनुरूप व्यवस्थाएं की गई है। पूरे मंदिर को सैनिटाइज किया जा रहा है और श्रद्धालुओं को एंट्री प्वाइंट पर ही हाथ सैनिटाइज करने के लिए ऑटोमैटिक मशीन लगाई गई है।

उन्होंने बताया कि एक बार में मंदिर परिसर में 5 श्रद्धालु ही उपस्थित होंगे और जब ये दर्शन करके बाहर निकलेंगे तभी अगले 5 श्रद्धालुओं को अंदर भेजा जाएगा। मंदिर परिसर में किसी भी विग्रह प्रतिमा या घंटी को छूना प्रतिबंधित रहेगा। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग कराना अनिवार्य है। किसी श्रद्धालु के शरीर का तापमान अधिक होने या सर्दी जुखाम की स्थिति में उसे मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

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नहीं चढ़ेगा फूल-माला, दूध गर्भ गृह के बाहर रखे पात्र में डालना होगा
कोरोना संक्रमण के खतरे से बचाव के लिए श्रद्धालुओं को न शिवलिंग को छूना है न किसी विग्रह को और न ही मंदिर के दीवारों या रेलिंग को। यहीं नहीं अभी माला फूल या प्रसाद चढ़ाने पर भी पूर्व की भांति ही रोक है लेकिन बाबा को चढ़ाने के लिए जल या दूध गर्भ गृह के बाहर रखे पात्र में डाल सकते हैं, जिसे अर्चक बाबा को चढ़ा देंगे।

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अब घर बैठे करिए ऑनलाइन पूजा
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की सहूलियत के लिए ऑनलाइन पूजा की शुरूआत भी हो गई है।वाराणसी दौरे पर आए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को इसकी शुरूआत की थी। इस सेवा से भक्त घर बैठे बाबा विश्वनाथ की ऑनलाइन पूजा जैसे रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय का जप और श्रृंगार करवा सकते हैं।

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नहीं खुला संकटमोचन मन्दिर, हनुमान भक्तों को करना होगा और इंतजार
काशी के दूसरे सबसे प्रमुख मंदिर संकटमोचन का पट आम लोगों के लिए अभी नहीं खुल सका है। मंदिर के महंत प्रोफेसर विश्वंभरनाथ मिश्र के अनुसार प्रशासन से मिले निर्देशानुसार व्यवस्था करने में समय लग सकता है। मंदिर में 3 दिन पहले से ही आम लोगों के दर्शन पूजन को लेकर तैयारियां हो रही थीं। शनिवार को रंगरोगन व साफ सफाई भी हुई थी। भक्तों का प्रवेश और निकासी अलग-अलग गेटों से करने की तैयारी की गई थी। मुख्य द्वार पर तीन लेयर में लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग और सैनेटाइजेशन की व्यवस्था की तैयारी की गई थी लेकिन प्रशासन की ओर से मिले चेक लिस्ट के कुछ प्वांइट के अनुसार व्यवस्थाएं अभी नहीं हुई हैं। संक्रमण के इस काल में मंदिर कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। स्थिति का आंकलन करने के बाद जब भी संभव हो सकेगा श्रद्धालुओं के लिए मंदिर खोला जाएगा। इसमें अभी समय लग सकता है। जिला प्रशासन से बातचीत चल रही है। वहीं, अन्नपूर्णा मंदिर के महंत रामेश्वर पूरी ने बताया कि मंदिर में प्रवेश और निकास को लेकर अभी निर्णय लिया जाना बाकी है। गाइडलाइन के मुताबिक तैयारी की जा रही है। काल भैरव मंदिर के महंत नवीन गिरि ने बताया कि मंदिर के अंदर व प्रवेश द्वार से बाहर 6 फीट की दूरी पर सफेद घेरा बनाया जा रहा है।


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Ajay kumar

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