राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित डॉल्फिन की सुरक्षा के लिए वन विभाग की टीम दिन-रात कर रही कॉम्बिंग

punjabkesari.in Wednesday, Mar 04, 2020 - 05:51 PM (IST)

फतेहपुर: गंगा नदी में पाए जाने वाली डॉल्फिन 1996 में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित की गई थी। दुखद है कि डॉल्फिन अब विलुप्त होने की कगार पर है। ऐसे में खुशखबरी है कि इस विलुप्तप्राय जीव का कुनबा  उत्तर प्रदेश के फतेहपुर ज़िले के आदमपुर घाट से लेकर भिटौरा के ओम घाट के आस-पास देखने को मिला है।
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बता दें कि डॉल्फिन के संरक्षण के लिए वन विभाग का सचल दस्ता गंगा घाटों में दिन-रात गस्त कर रहा है। विलुप्तप्राय इस जलीय जीव को वन विभाग शिकारियों से तो बचाने में सफल है लेकिन फैक्ट्रियों और नालों से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी लागातार इनकी जान से खेलने में लगे हुए हैं । इसके साथ ही गंगा के किनारे होने वाली रासायनिक खेती भी कहीं न कहीं इनकी जान को जोखिम में डाल रही है।

नदियों को प्रदूषण से बचाने वाले स्रोतों में डॉल्फिन को मुख्य माना गया है, जो नदियों को दूषित होने से बचाने में काफी सहायक है। जिसके लिए सरकार द्वारा इन्हें संरक्षित जलीय जीव की श्रेणी में रखते हुए राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया है। वहीं इसका शिकार करते पाए जाने पर कड़ी सजा का प्रावधान है।
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वहीँ DFO पीएन राय ने बताया कि जिले के आदमपुर घाट से लेकर ओम घाट तक डॉलफिन की पर्याप्त संख्या पाई गई है, जिन्हें संरक्षित रखने के लिए लगातार वन विभाग की टीम द्वारा गंगा तटीय क्षेत्रों में कॉम्बिंग भी की जाती है। जिससे डॉलफिन को संरक्षित रखा जा सके, इसके लिए जगह-जगह जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जाता है। 

 


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Ajay kumar

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