घोसी सीट से हार के बाद दरक रही OP Rajbhar की सुभासपा की नींव, शक्ति के क्षीण होने की है निशानी

punjabkesari.in Thursday, Jun 13, 2024 - 11:22 AM (IST)

UP News: लोकसभा चुनाव में हार मिलने के बाद जाति विशेष के दम पर खड़ी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। इसकी वजह से पार्टी की नींव दरक रही है। यह उसके मुखिया ओमप्रकाश राजभर की शक्ति के क्षीण होने की निशानी है। विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में भी ओपी राजभर अपने बेटे को चुनाव जिताने में कामयाब नहीं हो पाए। जो उनकी पार्टी के लिए बड़ा झटका है।

कमल का बल होने पर भी राजभर को मुंह की खानी पड़ी
बता दें कि सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर पिछले चुनाव में बनारस की राजभर बहुल शिवपुर विधानसभा सीट पर भी अपने बेटे अरविंद राजभर को नहीं जिता सके थे। उस चुनाव में ओमप्रकाश के साथ साइकिल की ताकत थी, तो इस बार कमल का बल। इसके बाद भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले 2017 में भी बलिया के बांसडीह विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर उनके बेटे हार चुके हैं जबकि पत्नी रसड़ा से हारीं। इस बार घोसी लोकसभा सीट से राजभर के बेटे ने चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें मुंह की खानी पड़ी।

घोसी हार के बाद यह बोले ओपी राजभर
लोकसभा चुनाव में मिले मतों का विश्लेषण करें तो सभी राजभर मतदाता बहुल सीटों पर एनडीए के प्रत्याशी को संतोषजनक मत नहीं मिल सके। जब घोसी से हार के बारे में राजभर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अरविंद राजभर को सुभासपा के सिंबल पर 3,40,188 वोट मिले है। क्या इस बात पर किसी को शक है कि इन वोटो में राजभर समुदाय के वोट शामिल नहीं है।

लीलावती राजभर और अरविंद राजभर थे आमने-सामने
इस बार घोसी संसदीय सीट पर गैर मान्यता प्राप्त दल मूल निवासी समाज पार्टी (मूनिसपा) की प्रत्याशी लीलावती राजभर अरविंद राजभर के सामने मैदान में थे। लीलावती को आश्चर्यजनक रूप से 47,527 मत मिले जो 2019 के लोकसभा चुनाव में सुभासपा उम्मीदवार महेंद्र राजभर को मिले वोटों से भी 10 हजार अधिक थे। इधर अरविंद राजभर भाजपा से गठबंधन के बावजूद 3.40 लाख मतों पर सिमट गए जबकि पिछले चुनाव में उनकी ही जाति के भाजपा प्रत्याशी पूर्व सांसद हरिनारायण राजभर को 4.51 लाख से अधिक मत मिले थे।   


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Pooja Gill

Related News

static