चुनावी गणित समझ आते ही पीछे हटी सरकार...जब एक परीक्षा हो सकती है तो दूसरी क्यों नहीं: अखिलेश यादव

punjabkesari.in Thursday, Nov 14, 2024 - 06:57 PM (IST)

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने अभ्यर्थियों की मांगों को स्वीकार करते हुए बृहस्पतिवार को समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा स्थगित कर दी और प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) प्रारंभिक परीक्षा को पुराने पैटर्न पर आयोजित करने की घोषणा की। इसे लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव योगी सरकार पर तंज कसा है उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को चुनावी गणित समझ आते ही जब अपनी हार सामने दिखाई दी तो वो पीछे तो हटी पर उसका घमंड बीच में आ गया है, इसीलिए वो आधी मांग ही मान रही है। अभ्यर्थियों की जीत होगी। ये आज के समझदार युवा है, सरकार इन्हें झुनझुना नहीं पकड़ा सकती। चुनाव में हार ही भाजपा का असली इलाज है। जब भाजपा जाएगी तब ‘नौकरी’ आएगी

वहीं आयोग के सचिव अशोक कुमार ने उपस्थित अभ्यर्थियों के समक्ष आयोग द्वारा लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा, ''पिछले कुछ दिन से पीसीएस और अन्य भर्ती परीक्षाओं को लेकर छात्रों के बीच असंतोष की स्थिति थी। छात्रों की मांग थी कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एक से ज्यादा पालियों में कराने के बजाय एक ही दिन में संपन्न कराया जाए।” उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों की इन मांगों का संज्ञान लेते हुए आयोग को निर्देश दिया कि वह छात्रों के साथ संवाद स्थापित करके आवश्यक निर्णय ले।

आयोग ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर छात्रों से संवाद किया और उनकी मांगों पर विचार करते हुए यह निर्णय लिया कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 पूर्व की भांति एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।'' उन्होंने कहा, ''मुख्यमंत्री की पहल पर यूपीपीएससी ने समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा-2023 को स्थगित करते हुए उसकी पारदर्शिता व निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन करके अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी, जिससे इन परीक्षाओं की शुचिता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया जा सके।'' आयोग के सचिव ने कहा कि हाल के महीनों में देश के कई हिस्सों में पेपर लीक की घटनाओं को देखते हुए प्रदेश सरकार ने चयन परीक्षाओं की शुचिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है।

 उन्होंने कहा कि इसी वजह से आयोग ने दिसंबर में प्रस्तावित पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाओं को एक से ज्यादा पालियों में आयोजित करने की घोषणा की थी, हालांकि छात्रों की मांग और मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद अब पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में आयोजित की जाएगी। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस परीक्षा की तैयारी कर रहे लाखों छात्रों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित करने से छात्रों को परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता व निष्पक्षता का भरोसा मिलेगा, साथ ही आयोग द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट से भविष्य में होने वाली परीक्षाओं की शुचिता को और अधिक मजबूती मिलेगी। एक पाली में परीक्षा आयोजित करने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थी यूपीपीएससी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं।

पीसीएस-प्री परीक्षा पहले की तरह आयोजित करने की घोषणा से कुछ अभ्यर्थियों में खुशी है, वहीं आरओ-एआरओ की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी कुछ निराश नजर आए। अभ्यर्थी राहुल पांडे ने कहा कि आरओ-एआरओ परीक्षा पर वांछित फैसला होने तक वे आंदोलन जारी रखेंगे। पांडे ने कहा, ''हमें इस घोषणा पर भरोसा नहीं है क्योंकि इस संबंध में आयोग की वेबसाइट पर कोई आधिकारिक सूचना अपलोड नहीं की गई है। एक अन्य अभ्यर्थी ने कहा कि सरकार "फूट डालो और राज करो" की नीति पर चल रही है और इसे पक्षपातपूर्ण निर्णय बताते हुए कहा कि ऐसा इसलिये किया गया है ताकि पीसीएस प्री के अभ्यर्थी यहां से चले जाएं।

इस बीच, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने संपर्क किए जाने पर कहा कि सरकार छात्रों के हित में काम करेगी और उनके साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने कहा, "छात्रों के हित में निर्णय लिए जाएंगे।" इससे पहले, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने प्रयागराज दौरे के दौरान छात्रों के पक्ष में मांगें उठाईं। यादव ने भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जो लोग 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की बात करते हैं, वे एक ही दिन में परीक्षाएं नहीं करा सकते।


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Content Writer

Ramkesh

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