नीट-यूजी परीक्षा कराने में अब तक विफल रही सरकार, पुरानी व्यवस्था क्यों न बहाल हो: मायावती

punjabkesari.in Thursday, Jul 25, 2024 - 12:48 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बसपा सुप्रीमो मायावती ने नीट-यूजी मेडिकल परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने X पर लिखा आल-इंडिया नीट-यूजी मेडिकल परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर स्वाभाविक तौर पर सड़क से लेकर संसद व सुप्रीम कोर्ट तक में यह मामला गरमाया रहा। अब नतीजा चाहे जो भी हो, लेकिन लाखों परीक्षार्थियों व उनके परिवार वालों को इसको लेकर हुआ दुःख-दर्द व मानसिक पीड़ा हमेशा सताएगी।

पुरानी व्यवस्था क्यों न बहाल हो: मायावती
 उन्होंने अपने दूसरे पोस्ट में लिखा केन्द्र मेडिकल की इतनी अहम परीक्षा सही से कराने के मामले में देश को आश्वस्त कर पाने में अभी तक विफल है जो समस्या को और गंभीर बना रहा है। अतः केन्द्रीयकृत मेडिकल नीट यूजी-पीजी परीक्षा को समाप्त कर इसके लिए पुनः पुरानी व्यवस्था क्यों न बहाल हो, जैसाकि कई राज्य सरकारों की मांग है।

दोबारा परीक्षा कराने से उच्चतम न्यायालय ने किया इनकार
आप को बता दें कि नीट-यूजी 2024 के असफल अभ्यर्थियों को उच्चतम न्यायालय ने बड़ा झटका देते हुए मंगलवार को उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें विवादों में घिरी इस परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजित कराने की मांग की गई थी। इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि इसकी शुचिता से समझौता होने और अन्य गड़बड़ियों को दर्शाने वाली कोई सामग्री रिकॉर्ड में नहीं है। न्यायालय का यह अंतरिम फैसला है और बाद में विस्तृत फैसला सुनाया जाएगा। इस अंतरिम फैसले से केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को बड़ी राहत मिली है, जो पांच मई को संपन्न परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक सहित बड़े पैमाने पर कथित गड़बड़ी को लेकर सड़क से संसद तक कड़ी आलोचना एवं विरोध का सामना कर रही है।

पेपर लीक मामले में अब तक 36 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
गौरतलब है कि 05 मई 2024 को पूरे देश में नीट 2024 की परीक्षा आयोजित की गई थी । इस परीक्षा के दौरान गड़बड़ी करने के आरोप में पटना के शास्त्री नगर थाना प्रभारी अमर कुमार ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया और शास्त्री नगर थाना कांड संख्या 358/ 2024 के रूप में एक प्राथमिकी दर्ज की । बाद में मामला आर्थिक अपराध ईकाई को सौंप दिया गया। उसके बाद प्रश्न पत्र लीक होने का मामला उजागर हुआ और केंद्र सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी।

सीबीआई 23 जून 2024 को अपनी प्राथमिकी आरसी 224/2024 के रुप में भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी, 406, 407, 408 और 409 के तहत दर्ज करने के बाद अनुसंधान कर रही है। अदालत में यह मामला आरसी 6ई/2024 के रूप में दर्ज है। इस मामले में अभी तक 36 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से अब 21 लोग न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं जबकि 15 लोगों को अदालत की अनुमति से सीबीआई पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है।
 


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Content Writer

Ramkesh

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