बरसात/ओलावृष्टि से किसानों के चेहरे पर छाई मायूसी, CM योगी बोले- संकट की घड़ी में किसानों के साथ खड़ी है सरकार

punjabkesari.in Saturday, Apr 01, 2023 - 03:02 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बेमौसम वर्षा और ओलावृष्टि से किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई है। दरअसल, प्रदेश के कई जिलों में बरसात/ओलावृष्टि से गेहूं, चना, मटर की फसल को काफी नुकसान का अनुमान है। जिससे किसान परेशान है। असमय वर्षा और ओलावृष्टि  को लेकर मुख्यमंत्री ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने इसके लिए अधिकारियों के साथ एक बैठक की। सीएम योगी ने कहा कि संकट की घड़ी में किसानों के साथ येागी सरकार खड़ी है। उन्होंने बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान का तत्काल आकलन करने के अधिकारियों के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि जिससे किसानों को उचित मुआवजा दिया जा सके।  

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उन्होंने कहा कि किसानों कि किसानों को पूर्वानुमान मौसम की जानकारी दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्ली वार्निंग सिस्टम का सही से प्रयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि खराब मौसम से गेहूं की गुणवत्ता पर दुष्प्रभाव की आशंका है ऐसे में फसल खरीद के लिए शिथिल  नियम को तैयार किया जाए। जनहानि की स्थिति में पीड़ित परिवार को तत्काल सहायता मिले।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में विगत दिनों प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हुई असमय वर्षा और ओलावृष्टि से उपजी स्थिति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। प्रदेश की अद्यतन स्थिति के संबंध में राजस्व विभाग के एक प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्नदाता किसानों का हित सुरक्षित रखना सरकार की प्राथमिकता है। विगत मार्च माह में प्रदेश के अनेक क्षेत्रों में हुई असमय वर्षा और ओलावृष्टि के कारण किसान और कृषि उपज पर दुष्प्रभाव पड़ा है। विगत 24 घंटों में भी प्रदेश के 09 जनपदों में ओलावृष्टि की सूचना है। संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है।
 
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति अगले दो-तीन दिन और रहने की संभावना है। इसके लिए सभी आवश्यक सतर्कता प्रबंध किए जाएं। राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा असमय बरसात, ओलावृष्टि के कारण जिस भी किसान की फसल प्रभावित हो, उसका आंकलन कर नियमानुसार क्षतिपूर्ति राशि उपलब्ध कराने में देर न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम पूर्वानुमान के बारे में किसानों को समय से जानकारी उपलब्ध कराई जाए। मौसम विज्ञानियों की चेतावनियों के बारे में सुदूर गांव तक किसान को टीवी, अखबार व स्थानीय प्रशासन के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराएं। यह पूर्वानुमान 24-48 घंटे का हो। ऐसी स्थिति में जबकि लोग अलर्ट होंगे तो क्षति भी कम होगी।
 
 मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण यदि किसी भी प्रदेशवासी की दुःखद मृत्यु होती है, मानव-वन्य जीव संघर्ष से कोई घायल होता है तो बिना विलंब किए, तत्काल पीड़ित परिवार से संपर्क किया जाए। राहत आयुक्त स्तर से आपदा राहत कोष में पीड़ित परिवार को तुरंत आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि बरसात, तेज हवा, ओलावृष्टि आदि प्राकृतिक कारणों से गेहूं आदि की फसल खराब हो सकती है। जो फसल पैदा हो रही है, उसकी गुणवत्ता पर भी बुरा असर पड़ने की आशंका है। ऐसी फसल को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत खरीद की जानी चाहिए। इसके लिए आवश्यकतानुसार नियम शिथिल किए जाने के लिए आवश्यक प्रस्ताव तैयार किया जाए।  गेहूं की फसल के संभावित नुकसान के कारण इस वर्ष भूसे की कमी हो सकती है। ऐसे में पशुपालन विभाग द्वारा समय से गोवंश चारे की व्यवस्था कर ली जाए।


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Content Writer

Ramkesh

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