तीन तलाक के खिलाफ सती प्रथा की तर्ज पर की कानून की मांग

punjabkesari.in Sunday, May 07, 2017 - 04:25 PM (IST)

लखनऊः तीन तलाक के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं ने अपनी आवाज को तेज कर दिया है। पहली बार लखनऊ में तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं ने एकजुट होकर इसके खिलाफ सख्त कानून बनाने की वकालत की। इन महिलाओं ने हाल ही में ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के फैसले को खारिज कर दिया जिसमें बोर्ड ने कहा था कि तीन तलाक का दुरउपयोग करने वालों का बहिष्कार होना चाहिए। महिलाओं ने कहा कि सिर्फ बहिष्कार से कुछ नहीं होने वाला है, तीन तलाक के खिलाफ सख्त कानून बनाना चाहिए।

इम तमाम महिलाओं ने बोर्ड पर सनसनीखेज आरोप लगाया है, महिलाओं का कहना है कि बोर्ड ने जिन महिलाओं का हवाला दिया है कि उन्होंने महिलाओं की तीन तलाक पर राय ली है और इसके लिए उनसे फॉर्म भरवाया है, वह फर्जी है। महिलाओं का कहना है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने महिलाओं से धोखे से फॉर्म भरवाया है। महिलाओं का कहना है कि महिलाओं के खिलाफ जुल्म को ये लोग शरीयत की लबादा पहना रहे हैं और महिलाओं को डराने की कोशिश कर रहे हैं।

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास मिर्जा ने मांग की है कि तीन तलाक मामले में सती प्रथा की तर्ज पर कानून बनाने की जरूरत है ताकि इसे हमेशा के लिए खत्म किया जा सके। उन्होंने कहा कि तीन तलाक 1400 साल से इस्लाम में मर्ज की तरह मौजूद है इसे खत्म करना चाहिए। मौलाना यासूब ने कहा कि एक बार में तीन तलाक कह देना किसी भी सूरत में सही नहीं है, इसे खत्म करना चाहिए। उन्होंने मुस्लिम लॉ बोर्ड पर आरोप लगाया है कि तीन तलाक के मुद्दे पर उन्हें इस बहस में शामिल नहीं किया गया।