इटावा लाइन सफारी में शेरनी ने दिया 4 शावकों को जन्म, खुशी का माहौल

punjabkesari.in Wednesday, Jun 26, 2019 - 05:27 PM (IST)

इटावाः उत्तर प्रदेश के इटावा स्थित लाइन सफारी में जेसिका नामक शेरनी ने चार शावको को जन्म दिया जिससे वहां खुशी का माहौल है। इटावा सफारी पाकर् के निदेशक वी.के.सिंह ने बुधवार को यहॉ बताया कि सफारी मे जेसिका नामक शेरनी ने तीसरी बार चार शावकों को जन्म दिया है। अभी यह स्पष्ट नहीं है लिये पार्क के डाक्टरो के अलावा कीपर आदि झ्ले शावक को बुधवार तड़के करीब दो बजे जन्म दिया है और सुबह तक चार शव जन्मे। शावकों को सीसीटीवी कैमरे के जरिये पार्क के डाक्टरो के अलावा कीपर आदि ने भी देखा है। शेरनी पिछले तीन महीने से गर्भवती थी और उसका खासा ध्यान रखा जा रहा था। इटावा सफारी पार्क में शेरनी के रहने के स्थान के आसपास किसी को जाने की इजाजत नहीं थी।

उन्होंने बताया कि शावकों के जन्म के वक्त रेंजर विनीत सक्सेना, डॉ. गौरव श्रीवास्तव, डा.आर.पी. वर्मा, डॉ.सुयश सचान, कीपर मोहम्मद आरिफ,इमरान,आसिफ और मंजूल आदि एर्लट रहे। उन्होंने बताया कि शेरनी जेसिका को तीसरी बार शवकों को जन्म दिया है। इससे पहले उसने छह अक्टूबर 2016 को सिंबा एवं सुल्तान को जन्म दिया था । उसके बाद 15 जनवरी 2018 को बाहुबली को जन्म दिया था । सिंबा और सुल्तान अब ढाई वर्ष के और बाहुबली डेढ़ वर्ष का हो गया है। तीसरी बार शेरनी ने चार शवकों को जन्म दिया ,इससे सफारी पार्क में खुशी का माहौल है।

सिंह ने बताया कि डॉ. गौरव श्रीवास्तव और उनकी टीम शेरों की देखरेख और उनका कुनबा बढ़ाने के लिए काफी परिश्रम किया है। उन्होंने बताया कि चंबल की छवि को बदलने के इरादे से उत्तर प्रदेश के इटावा में दुर्गम बीहड में निर्मित कराये गये लाइन सफारी में एक के बाद हो रहे जानवरो की मौत के बीच गुजरात से आई शेरनी जेसिका सफारी के लिए अच्छे दिन लेकर आई है। तीन शावकों को जन्म देने के बाद एक साथ चार शावको की पैदाइश ने लाइन सफारी प्रशासन बेहद खुश है। सिंह ने बताया कि जेसिका के गर्भवती होने पर विशेष सावधानियां बरती गई, उसके आसपास किसी को नहीं जाने दिया गया। उसके खान पान पर विशेष ध्यान रखा गया। सीसीटीवी कैमरे से 24 घंटे उस पर निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि छह अक्टूबर 2016 जन्मे शिंबा सुल्तान और 15 जनवरी 2018 को जन्मे बाहुबली शेरनी जेसिका के तीनो शावक इस समय लाइन सफारी की रौनक बने हुए है।

उन्होंने बताया कि इससे पहले जुलाई और अगस्त 2015 में शेरनी हीर और ग्रीष्मा ने पांच शावकों को जन्म दिया था। इनमें से दो की मौत तो जन्म के साथ ही हो गई जबकि कुछ दिन बाद शेष तीन शावको की भी मौत हो गई थी। शेरनी हीर के दो शावक 18 जुलाई 2015 को पैदा हुए है जिनकी जन्म के साथ ही मौत हो गई जब कि इसी तरह से शेरनी ग्रीष्मा के पैदा हुए तीन शावको में दो की 21 जुलाई 2015 को एक शावक की 14 अगस्त 2015 को मौत हो गई थी। हीर और ग्रीष्मा के शावकों की मौत के बाद लाइन सफारी के ब्रीडिंग सेंटर पर सवाल उठने लगे थे ,लेकिन शेरनी ग्रीष्मा ने इस मिथक को तोड़ दिया है।

सिंह ने बताया कि जेसिका की मैटिंग शेर गीगो से कराई गई थी। शेरनी का गर्भकाल 105 दिन का होता है। सीजेडए के नियमों के मुताबिक लायन सफारी को जनता के लिए तभी खोला जा सकता है जब वहां कम से कम दस शावक हों। सफारी में फिलहाल तीन शावक हैं। इसी महीने संख्या बढ़ने वाली है। दरअसल लायन सफारी को खोलने के लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने कम से कम 10 शवकों का होना जरुरी है।

Tamanna Bhardwaj