यूक्रेन व रूस के बीच चल रहे युद्ध से कांच उद्योग को नहीं मिला विदेशी ऑर्डर, करोड़ो का नुकसान

punjabkesari.in Friday, Feb 25, 2022 - 01:52 PM (IST)

फिरोजाबाद: यूक्रेन व रूस के बीच चल रहे युद्ध से पूरी दुनिया के उद्योग जगत पर बुरा असर पड़ रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में कांच कारोबार पर भी इस संकट को देखने को मिल रहा है। स्थानीय व्यापारी ने बताया कि गत वर्ष जनवरी-फरवरी में यूरोप के बाजार से 1200 करोड़ का ऑर्डर हासिल करने वाले कांच निर्यात व कारखानेदार इस बार निराश हैं। व्यापारियों की मानें तो रूस-यूक्रेन के युद्ध की वजह से इस बार आर्डर नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि फिरोजाबाद के फैंसी कांच उत्पादों की अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड के अलावा चेक गणराज्यों यूरोप के कई देशों में अच्छी-खासी डिमांड है। करीब 70 से अधिक देशों में अपने कलात्मक कांच उत्पादों की धाक जमा चुके फिरोजाबाद के कांच कारोबारी साल के शुरुआती (माह जनवरी-फरवरी) के दौरान अच्छे खासे आर्डर मिलने की उम्मीद में थे। लेकिन यूकेन युद्ध के चलते व्यार पर इसका असर दिखने लगा है।


व्यापारियों के मुताबिक बीते वर्ष शुरुआत में ही फिरोजाबाद से करीब 1200 करोड़ रुपये के कांच उत्पादों का आर्डर मिले थे। लेकिन रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध अंतरराष्ट्रीय बाजारों से ऑर्डर नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि कैंडल स्टैंड लालटेन, हुक्का, तरह-तरह के फ्लावर पॉट, हैंगिंग लाइट बॉल, क्रिसमस ट्री, कांच मोती वाले कलात्मक चूड़ी कड़े ,किचन वेयर, ग्लास सेट,वाइन ग्लास आदि का आर्डर मितता था। लेकिन अब वो आर्डर मिलने की उम्मीद नहीं है।



फिरोजाबाद से निर्यात होने वाले कांच की वस्तु
150 निर्यात व माउथ ब्लोइंग इकाइयों में तैयार होते हैं कांच उत्पाद
3500 करोड़ की लागत वाले कांच उत्पादों का हर साल निर्यात करते हैं कारखानेदार



कांच उत्पादों की खरीद-फरोख्त पर शासन को मिलता है 5.5 करोड़ का राजस्व
करीब दो लाख लोगों व कामगारों की आजीविका का मुख्य साधन है फिरोजाबाद का कांच निर्यात कारोबार
जनवरी-फरवरी वर्ष 2021 में कुल 1200 करोड़ के कांच उत्पादों का हुआ था निर्यात
जनवरी-फरवरी वर्ष 2022 में वर्तमान तिथि तक देश-विदेश से मिले कुल ऑर्डर लगभग 2.5 करोड़



उद्यमी अभिषेक मित्तल चंचल ने बताया कि कोरोना संकट के बाद से फिरोजाबाद का कांच कारोबार आर्थिक संकट से जूझ रहा है। वहीं अब विदेशों से आर्डर नहीं मिलने से उद्योग कारोबारियों को एक बार फिर आर्थिक संकट में डाल दिया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि ऐसे संकट में व्यापारियों की मदद करें। 

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Ramkesh