कारोबारी मामले में योगी सरकार को चौतरफा घेर रहा विपक्ष, धड़ाधड़ ट्वीट कर साधा निशाना

punjabkesari.in Thursday, Sep 30, 2021 - 01:34 PM (IST)

लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को कानपुर के एक व्यापारी की कथित तौर पर पुलिसकर्मियों की पिटाई से मौत की घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस अपराधियों पर "नरम" है और आम लोगों के साथ "बर्बर'' व्यवहार करती है। गोरखपुर में पुलिस की कथित पिटाई से हुई एक कारोबारी की मौत को लेकर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने राज्य सरकार को घेरा।

प्रियंका ने योगी सरकार को बताया जंगलराज
वाड्रा ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘गोरखपुर में एक कारोबारी को पुलिस ने इतना पीटा कि उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना से पूरे प्रदेश के आमजनों में भय व्याप्त है।" उन्होंने कहा, "इस सरकार में जंगलराज का ये आलम है कि पुलिस अपराधियों पर नरम रहती है और आमजनों से बर्बर व्यवहार करती है।" पार्टी सूत्रों ने बताया कि प्रियंका ने बुधवार शाम दिवंगत कारोबारी मनीष के परिजनों से फोन पर बात की और दुख व्यक्त किया। उन्होंने इंसाफ दिलाने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
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अखिलेश ने योगी सरकार ने पर साधा निशाना
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘‘गोरखपुर में पुलिस की बर्बरता ने एक युवा व्यापारी की जान ले ली। ये बहुत ही दुखद और निंदनीय है। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने एनकाउंटर (मुठभेड़) की जिस हिंसक संस्कृति को जन्म दिया है, यह उसी का दुष्परिणाम है। संलिप्त लोगों पर हत्या का मुकदमा चले और उत्तर प्रदेश को हिंसा में धकेलने वाले इस्तीफा दें।'' 
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मायावती ने कहा- पीड़ित परिवार को दे न्याय
वहीं बसपा अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर की पुलिस द्वारा होटल में रात को छापा मार कर तीन व्यापारियों के साथ बर्बर व्यवहार व उसमें से एक की मौत अति-दुःखद व शर्मनाक घटना। यह राज्य में भाजपा सरकार के कानून-व्यवस्था के दावों की पोल खोलती है। वास्तव में ऐसी घटनाओं से पूरा प्रदेश पीड़ित है।'' उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार से पीड़ित परिवार को हर स्तर पर समुचित न्याय देने के साथ-साथ ऐसी अन्य जघन्य घटनाओं को अति-गंभीरता से लेकर इनकी पुनरावृति रोकना सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी उपाय करने की बसपा की मांग।'' 
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गौरतलब है कि सोमवार रात रामगढ़ ताल थाना क्षेत्र में एक होटल में कानपुर निवासी 36 वर्षीय रियल एस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों प्रदीप और हरी चौहान के साथ ठहरे थे। देर रात पुलिस होटल में निरीक्षण के लिए पहुंची थी। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि तीन लोग गोरखपुर के सिकरीगंज स्थित महादेवा बाजार के निवासी चंदन सैनी के पहचान पत्र के आधार पर एक कमरे में ठहरे हुए हैं। संदेह होने पर पूछताछ के दौरान कथित रूप से पुलिस द्वारा पिटाई के बाद घायल मनीष की संदिग्ध हालात में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी। 
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वहीं  मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी वजह से उनके पति की मृत्यु हुई है। हालांकि, पुलिस ने इस आरोप से इनकार करते हुए कहा कि मनीष नशे की हालत में था और पूछताछ के दौरान जमीन पर गिरने से उसके सिर में चोट आ गई थी जिससे उसकी मृत्यु हुई। मीनाक्षी ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। मनीष के साथ कमरे में ठहरे उसके दोस्तों ने बताया कि वे लोग गोरखपुर के रहने वाले कारोबारी चंदन सैनी के बुलावे पर आए थे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने रामगढ़ ताल के थाना प्रभारी जेएन सिंह और फल मंडी थाना प्रभारी अक्षय मिश्रा समेत छह पुलिसकर्मियों को मंगलवार को ही निलंबित कर पुलिस अधीक्षक (नगर) को मामले की जांच सौंपी है। इस मामले में आरोपी छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दर्ज किया गया है।


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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