टेरर फंडिंग कर सब्जी विक्रेता का लड़का बना शापिंग मॉल का मालिक, एटीएस ने किया गिरफ्तार

punjabkesari.in Saturday, Jun 23, 2018 - 01:01 PM (IST)

गोरखपुरः टेरर फंडिंग के मामले में 10 लोगों की गिरफ्तारी के बाद भी एटीएस की राडार पर कई ऐसे सफेदपोश हैं, जिन्‍होंने कम समय में संपत्ति अर्जित की है। ऐसे लोग जिनके तार किसी न किसी माध्‍यम से आतंकियों से जुड़े हुए हैं। गोरखपुर से मोबाइल विक्रेता भाईयों नसीम-अरशद, मुशर्रफ उर्फ निखिल राय, सुशील राय, दयानंद और मुकेश की 24 मार्च को गिरफ्तारी के बाद से सब्‍जी विक्रेता के बेटे रमेश्‍ा शाह की भी एटीएस को तलाश थी। रमेश शाह को यूपी एटीएस ने पुणे से गिरफ्तार किया है। 24 मार्च को गोरखपुर से पकड़े गए टेरर फंडिंग के 6 आरोपियों की पूछताछ के बाद रमेश का नाम आया था।

रमेश पाकिस्तान में बैठे विदेशी हैंडलर के सीधे संपर्क में था। इंटरनेट कॉल के जरिए रमेश शाह को बताया जाता था किस खाते में कितना पैसा आना है। रमेश ने पाकिस्तान से आए टेरर फंड को जम्मू कश्मीर केरल और पूर्वोत्तर के कई राज्यों में 1 करोड़ से अधिक का पैसा टेरर फंडिंग में बांटा है। रमेश से पैसा लेने वाले 6 साथी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।  

बता दें कि उक्त युवक गोरखपुर में सत्यम शॉपिंग मॉल का मालिक है। एटीएस की कार्रवाई के बाद वह गोरखपुर से पुणे भाग गया था। पाकिस्तान से हो रही टेरर फंडिंग के मामले में मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी यूपी एटीएस की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। वहीं अब एटीएस ये जानना चाहती है कि सब्‍जी विक्रेता का बेटा टेरर फाडिंग मे कैसे शामिल हुआ। वह इतनी जल्‍दी एक मार्ट का मालिक कैसे बन गया।

सब्जी विक्रेता था रमेश शाह 
दरअसल रमेश शाह सब्जी विक्रेता था लेकिन साल भर पहले उसने सत्यम मार्ट खोल लिया। बिहार के गोपालगंज के रहने वाले रमेश के पिता हरिशंकर अपनी पत्नी सुशीला के साथ उसे लेकर 30 साल पहले यहां आकर बसे थे और मोहददीपुर ओवरब्रिज के नीचे चार फाटक पर सब्जी की दुकान लगाने लगे। वह भी उसके साथ कारोबार में शामिल हो गया।  साल भर पहले ही मेडिकल रोड पर रमेश ने सत्यम मार्ट खोला। 

कड़ी मेहनत के दम पर खोला मार्ट
उसके परिवार वालों का मानना था कि कड़ी मेहनत और बचत के दम पर वह ऐसा कर पाया। उसके पिता हरिशंकर ने बताया कि हम बिछिया क्षेत्र की सर्वोदय कालोनी में टीन शेड में रहते हैं। रमेश अपनी दूसरी पत्नी के साथ यहीं रहता था। उसने अपनी पहली पत्नी को उसने शाहपुर में किराये के मकान में रखा था।  

6 मार्च से ही लापता है रमेश
उन्होंने बताया कि रमेश 6 मार्च को किसी शादी में गया था और वह तभी से लापता था। उन्होंने बताया कि अक्सर वह कहीं जाता था तो लंबे समय तक टिक जाता था इसलिए हमने लापता होने की रिपोर्ट नहीं लिखायी। हरिशंकर ने बताया कि वह प्रापर्टी का कारोबार भी कर रहा था। अपनी बचत से उसने मार्ट खोला जो अब बंद हो गया है।  

राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में कैसे हुआ शामिल पता नहीं
उसकी मां सुशीला ने बताया कि उस ने अपनी बचत से मार्ट खोला था। सुशीला का कहना है कि उन्होंने भी मार्ट खोलने में उसकी आर्थिक मदद की थी। उसकी पहली पत्नी रामजी पाठक के मकान में किराए पर रहती है। पाठक ने बताया कि वह स्वभाव का बहुत अच्छा था और उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होगा।   

Ruby