अहरौरा का लाल पत्थर बढ़ायेगा भव्य राम मंदिर की शान,  5 हजार साल से अधिक है पत्थरों की आयु

punjabkesari.in Thursday, Dec 17, 2020 - 03:04 PM (IST)

मिर्जापुर: चक्रवर्ती सम्राट अशोक की लाट समेत कई ऐतिहासिक धरोहर के निर्माण में उपयोग में आ चुका मीरजापुर की अहरौरा पहाड़ी का विश्व प्रसिद्ध गुलाबी पत्थर अब अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य मंदिर के लिये इस्तेमाल किया जायेगा। मिर्जापुर के चर्चित गुलाबी पत्थरों की आयु पांच हजार साल से अधिक की आंकी गयी है।

सूत्रों की माने तो यह पत्थर प्रयोगशाला में हुये परीक्षण में पास हो गया है। स्थानीय पत्थर व्यावसायियों को पत्थर की आपूर्ति का ऑर्डर जल्द मिलने की उम्मीद है। प्रभु श्रीराम मंदिर निर्माण में मिर्जापुरी पत्थर लगने की खबर से स्थानीय लोग प्रफुल्लित है। लोग इसे अपना सौभाग्य और प्रभु राम की कृपा मान रहे हैं। दूसरी ओर भारी ऑर्डर मिलने की सम्भावना से व्यवसायी भी उत्साहित हैं।

अपने विशिष्ट रंग और मजबूती को लेकर मिर्जापुर के अहरौरा पहाड़ी ये पत्थर देश विदेश में प्रसिद्ध हैं। अपने विशेष गुणों के कारण इन गुलाबी पत्थरों का कोई सानी नहीं है। अशोक चक्र सहित देश के कई ऐतिहासिक भवनों का साक्षी है। विशेषज्ञ इन पत्थरों की आयु पांच हजार साल आंकते है। इन पत्थरों की चर्चा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के कारण पूरे देश में हुई। अम्बेडकर पार्क,कांशीराम स्मारक समेत कई स्मारकों में इन्हीं पत्थरों का प्रयोग किया गया जिससे पूरे देश में गुलाबी पत्थर चर्चा में आया।

सूत्रों के अनुसार राम मंदिर के नींव मे मंदिर निर्माण की कार्यदायी कम्पनी एलएनटी अहरौरा के गुलाबी पत्थर लगायेगी। पहले राजस्थान के भरतपुर खदान से पत्थर लिए जाने थे। कुछ अड़चन आने के बाद मिर्जापुरी गुलाबी पत्थरों लगाने का निर्णय लिया गया है। अहरौरा की विशेष खदानों इन पत्थरो के प्रयोग के पूर्व सभी टेस्ट करा लिए गये हैं। लैब टेस्ट में ये पत्थर खरे उतरे हैं। प्रथम फेज मे लगभग चालीस करोड़ रुपए के 4.5 लाख घन फीट गुलाबी पत्थरों के ऑर्डर दिए जायेगे।

इस बाबत अहरौरा के पत्थर व्यवसायी रविशंकर कहते हैं कि हांलाकि अभी कोई ऑर्डर नही मिला है लेकिन खबर उत्साह वाली है। मंदिर निर्माण में हम सब का भी योगदान रहेगा। उधर आमजन भी अति प्रसन्न है। उनका मानना है कि यह इतिहास में दर्ज होगा। हजारों साल बाद भी जब भी चर्चा होगी मिर्जापुर के इन पत्थरों का नाम रहेगा। सामाजिक कार्यकर्ता एवं साहित्यकार बृजदेव पाण्डेय इन पत्थरों का इतिहास एवं इनसे बने भवनों की चर्चा करते हैं।बहरहाल इन पत्थरो के उपयोग की सूचना पर व्यवसायी लाभ लेगे पर आमलोग बहुत गर्वान्वित है।

 


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Moulshree Tripathi

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