''आरक्षण मामले पर विपक्षी गठबंधन की चुप्पी घातक...'' मायावती ने लगाया आरोप, कहा- ''BJP ने SC-ST विरोधी रुख अपनाया''
punjabkesari.in Friday, Aug 23, 2024 - 01:00 PM (IST)
Mayawati News: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आरक्षण में उप-वर्गीकरण मामले को लेकर शुक्रवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (SC/ST) विरोधी रुख अपनाने का आरोप लगाया, वहीं, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) समेत विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया' पर भी निशाना साधा है।
1. एससी/एसटी आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर का नया नियम लागू करने के माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिनांक 1 अगस्त 2024 के निर्णय के विरुद्ध जन अपेक्षा के अनुसार पुरानी व्यवस्था बहाल रखने के लिए केन्द्र द्वारा अभी तक भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाना यह अति-दुःखद व चिन्ताजनक।
— Mayawati (@Mayawati) August 23, 2024
मायावती ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर अपने एक पोस्ट में कहा ‘‘एससी/एसटी आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर का नया नियम लागू करने के उच्चतम न्यायालय के एक अगस्त 2024 के निर्णय के विरुद्ध जन अपेक्षा के अनुसार पुरानी व्यवस्था बहाल रखने के लिए केन्द्र द्वारा अभी तक भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाना अत्यंत दुखद और चिंताजनक है।''
2. इसको लेकर 21 अगस्त के भारत बंद के बावजूद अगर केन्द्र इसमें जरूरी सुधार के लिए गंभीर नहीं तो यह सोचने वाली बात है। पहले मा. कोर्ट में लचर पैरवी और अब उसको लेकर संविधान संशोधन बिल नहीं लाने से साबित है कि बीजेपी का एससी/एसटी आरक्षण विरोधी रवैया पूर्व की तीव्रता के साथ बरकरार है।
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बसपा प्रमुख ने अपने सिलसिलेवार पोस्ट में कहा कि ''इसको लेकर 21 अगस्त के भारत बंद के बावजूद अगर केंद्र इसमें जरूरी सुधार के लिए गंभीर नहीं तो यह सोचने वाली बात है। पहले न्यायालय में लचर पैरवी और अब उसको लेकर संविधान संशोधन बिल नहीं लाने से साबित है कि भाजपा का एससी/एसटी आरक्षण विरोधी रवैया पूर्व की तीव्रता के साथ बरकरार है।''
3. इस मामले में कांग्रेस, सपा व इनके इण्डी गठबंधन की भी चुप्पी उतनी ही घातक। इससे यह फिर से साबित है कि SC/ST वर्गों के सही हित, कल्याण व उत्थान के मामले में दोनों ही पार्टियाँ व इनके गठबंधन एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं तथा इन वर्गों का हित अम्बेडकरवादी बीएसपी में ही सुरक्षित।
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विपक्षी दलों खासतौर से कांग्रेस और सपा पर आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘इस मामले में कांग्रेस, सपा व ‘इंडिया' गठबंधन की भी चुप्पी उतनी ही घातक है और इससे यह फिर से साबित है कि एससी/एसटी वर्गों के सही हित, कल्याण व उत्थान के मामले में दोनों ही पार्टियां व इनके गठबंधन एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं तथा इन वर्गों का हित आम्बेडकरवादी बसपा में ही सुरक्षित है।''
यह था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
उच्चतम न्यायालय ने इस माह अपने एक फैसले से कहा कि राज्यों को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का उप-वर्गीकरण करने का अधिकार है, ताकि अधिक वंचित जातियों के लोगों के उत्थान के लिए आरक्षित श्रेणी के भीतर कोटा प्रदान किया जा सके। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय संविधान पीठ ने 6:1 के बहुमत वाले फैसले में कहा कि राज्यों को अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है, ताकि उन जातियों को आरक्षण प्रदान किया जा सके जो सामाजिक और आर्थिक रूप से अधिक पिछड़ी हैं। उच्चतम न्यायालय द्वारा अनुसूचित जातियों के उप-वर्गीकरण के संबंध में दिए गए फैसले के खिलाफ कुछ दलित और आदिवासी समूहों ने 21 अगस्त को एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल आहूत की थी। हालांकि हड़ताल का उत्तर प्रदेश में सामान्य जनजीवन पर बहुत कम असर दिखाई दिया और इस दौरान दुकानें खुली रहीं तथा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच राज्य के बड़े हिस्से में कामकाज सामान्य रूप से चलता रहा।