स्वतंत्रा दिवस पर भी राष्ट्रपिता की मूर्ति पिजरे में रही कैद, जानिए क्या है वजह

punjabkesari.in Monday, Aug 15, 2022 - 12:43 PM (IST)

मेरठःआजादी की लड़ाई में सबसे अहम योगदान निभाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति का आजादी की 75 वी सालगिरह पर एक अजब नजारा देखने को मिला। यूपी के क्रांति धरा मेरठ में जहां राष्ट्रपिता की मूर्ति हिफाजत के लिए पिंजरे में कैद है। तस्वीरों में आपको राष्ट्रपिता की मूर्ति पिंजरे में कैद दिखाई दे रही होगी । राष्ट्रपिता की इस मूर्ति को असामाजिक तत्वों ने कई बार नुकसान पहुंचाया । कभी तो राष्ट्रपिता की मूर्ति का चश्मा तोड़ दिया गया तो कभी उनके हाथ के साथ-साथ लाठी भी तोड़ दी गई । ये सारी घटनाएं उस क्रांति जरा मेरठ पर हुई हैं जहां से आजादी की लड़ाई की शुरुआत हुई थी ।



दरअसल, थाना रेलवे रोड क्षेत्र के केसर गंज पुलिस चौकी के सामने प्राथमिक विद्यालय के अंदर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति लगी हुई है। बीते दिनों असामाजिक तत्वों ने राष्ट्रपिता की मूर्ति का चश्मा तोड़ दिया। जिसे यहां मौजूद शिक्षकों ने दोबारा लगवा दिया। कुछ दिन बाद असामाजिक तत्वों ने राष्ट्रपिता की मूर्ति का हाथ और मूर्ति की लाठी तोड़ दी जिसको दोबारा यहां मौजूद शिक्षकों ने मरम्मत कर दुरुस्त करा दिया । इसके बाद आए दिन शराब के नशे में चूर असामाजिक तत्व स्कूल के अंदर घुस कर इस मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने के साथ बदतमीजी करने लगे। जिसके बाद शिक्षकों ने राष्ट्रपिता की मूर्ति की सुरक्षा के लिए उसे बाकायदा पिंजरे के अंदर करवा दिया । स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि स्कूल के पास में ही शराब का ठेका है। जिसके चलते असामाजिक तत्व ऐसी हरकतें बार-बार करते रहते हैं। शिक्षकों का कहना है कि पुलिस को जब तहरीर दी जाती है, तो पुलिस भी मौके पर आ जाती है। लेकिन इस समस्या का कोई स्थाई समाधान नहीं निकल पाया। राष्ट्रपिता की मूर्ति की सुरक्षा के लिए मूर्ति की चारों तरफ पिंजरा लगवा दिया गया है। साथ ही साथ स्कूल की बाउंड्री कराकर कटीले तार भी लगवा दिए गए हैं। जिससे कि राष्ट्रपिता की मूर्ति की सुरक्षा की जा सके । 



ऐसे में सवाल यह उठता है कि राष्ट्रपिता का दर्जा रखने वाले आजादी के नायक महात्मा गांधी के लिए सरकार अनेकों काम करती है।लेकिन उसी राष्ट्रपिता की मूर्ति की सुरक्षा मुहैया कराने के लिए सरकार बिल्कुल भी आश्वस्त नहीं दिखाई दे रही है ।

Content Writer

Tamanna Bhardwaj