यूपी के फूलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ सकते है नीतीश कुमार! चर्चाओं ने बढ़ाई सियासी हलचल
punjabkesari.in Saturday, Aug 05, 2023 - 11:57 AM (IST)

Lok Sabha Election (अश्वनी सिंह): उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी दल अपनी रणनीति को धार देने में छूट गए हैं। यूपी के फूलपुर लोकसभा सीट से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने की चर्चा तेज हो गई है, इस चर्चा को खुद नीतीश कुमार के पार्टी ने हवा दी है। पार्टी नेताओं को लगता है कि नीतीश कुमार यूपी से चुनाव लड़ने से न सिर्फ जदयू को लाभ मिलेगा, बल्कि विपक्ष का गठबंधन मजबूत स्थिति में होगा। हालांकि यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इन दावों को खारिज कर दिया है।
जातीय समीकरण के लिहाज से कुर्मी बाहुल्य सीट है फूलपुर
जातीय समीकरणों के लिहाज से फूलपुर लोकसभा सीट नीतीश कुमार के लिए बेहतर बताई जा रही है। दरअसल, फूलपुर का जातीय सामाजिक समीकरण नीतीश कुमार के लिए सकारात्मक साबित हो सकता है। यहां अब तक हुए चुनाव में ओबीसी सांसद सबसे ज्यादा बने हैं, राम पूजन पटेल तीन बार और जंग बहादुर पटेल दो बार सांसद रहे हैं। नीतीश कुमार कुर्मी जाति से आते हैं।
जवाहरलाल नेहरू के कारण फूलपुर बनी VIP सीट
फूलपुर संसदीय सीट सियासी तौर पर बेहद अहम है। आजादी के बाद से यह संसदीय सीट न सिर्फ पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का संसदीय क्षेत्र रहा, बल्कि यहां से तमाम दिग्गजों ने चुनाव लड़ा है। इनमें से कई दिग्गजों ने चुनाव जीते और हारे तो कईयों के जमानत जब्त हो गई। देश के पहले प्रधानमंत्री ने 1952 में पहली लोकसभा में पहुंचने के लिए इसी सीट पर चुना और लगातार तीन बार 1952, 1957 और 1962 में उन्होंने यहां से जीत दर्ज कराई थी। नेहरू के चुनाव लड़ने के कारण इस सीट को वीआईपी सीट का दर्जा मिला। इस सीट पर राम मनोहर लोहिया जनेश्वर मिश्र जैसे दिग्विजयों ने भी जीत हासिल किया है तो वहीं विजय लक्ष्मी पंडित, सोनेलाल पटेल और बसपा के संस्थापक कांशीराम यहां से चुनाव हार चुके है।
सियासी परिस्थिति भापने के बाद अंतिम निर्णय लेंगे नीतीश कुमार
यूपी से लेकर बिहार तक इस बात की चर्चा हो रही है और विभिन्न दलों के नेता इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं। इस मामले में नीतीश कुमार ने अभी तक एक शब्द नहीं बोला है। वो विपक्ष की एकता की बात कर रहे हैं, लेकिन फूलपुर के मुद्दे पर उन्होंने अभी तक अपनी जुबान नहीं खोली है। वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि फिलहाल 2024 को लेकर नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने की चर्चा को सिर्फ चर्चा कहा जा सकता है। नीतीश कुशल राजनेता है वह इतनी जल्दी अपने पत्ते नहीं खोलेंगे। अभी वह विपक्ष को मजबूत करने में जुटे हैं। लोकसभा चुनाव करीब आने पर सियासी परिस्थितियों को अच्छी तरह भापने के बाद वह सही निर्णय करेंगे।